नई दिल्ली। इंस्टाग्राम एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में करोड़ों लोग करते हैं। इसका यूज लोग अपने फोटो, वीडियो और रील्स को पोस्ट करने के लिए करते हैं। इसकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर देश में इसके यूजर्स हैं।
Meta ने इंस्टाग्राम (Instagram) पर 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए बेहतर प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर को अपग्रेड किया है। इसके अलावा Instagram ने पैरेंटल कंट्रोल भी पेश किया है यानी अब किशोरों के अकाउंट का कंट्रोल उनके माता-पिता के पास होगा।
अब सभी अकाउंट्स प्राइवेट होंगे
Instagram ने कहा है कि अब 18 साल से कम के सभी इंस्टाग्राम अकाउंट “टीन अकाउंट्स” में बदल दिया जाएंगे, जो डिफॉल्ट रूप से प्राइवेट होंगे। प्राइवेट अकाउंट का फायदा यह है कि सिर्फ वही लोग इन अकाउंट के यूजर्स से संपर्क कर सकते हैं जिन्हें ये फॉलो करते हैं और परमिशन देते हैं।
माता-पिता को मिलेगा कंट्रोल
इसके अलावा 16 साल से कम उम्र के यूजर्स केवल अपने माता-पिता की अनुमति से डिफॉल्ट यानी प्राइवेट सेटिंग्स में बदलाव कर सकेंगे। मेटा ने एक नया मॉनिटरिंग टूल भी जारी किया है जिसकी मदद से माता-पिता अपने बच्चे के अकाउंट को कंट्रोल कर सकेंगे और देख सकेंगे कि कितना समय इंस्टाग्राम पर बिता रहे हैं और किससे बातें कर रहे हैं।
मजबूरी में लेना पड़ा फैसला
बता दें कि बच्चों में सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव को लेकर Meta, ByteDance के TikTok और Google की YouTube पहले से ही सैकड़ों मुकदमों का सामना कर रहे हैं, जो बच्चों और स्कूल जिलों की ओर से सोशल मीडिया की लत के कारण दायर किए गए हैं। पिछले साल कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सहित 33 अमेरिकी राज्यों ने कंपनी पर अपने प्लेटफॉर्म की भयावहता के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए मुकदमा दायर किया था।
दरअसल, Facebook, Instagram और TikTok सहित शीर्ष प्लेटफ़ॉर्म 13 वर्ष और उससे अधिक आयु के उपयोगकर्ताओं को साइन अप करने की अनुमति देते हैं। बीते जुलाई में अमेरिकी सीनेट ने दो ऑनलाइन सुरक्षा बिल – द किड्स ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट और द चिल्ड्रन एंड टीन्स ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया था। यह सोशल मीडिया कंपनियों को इस बात की ज़िम्मेदारी लेने के लिए बाध्य करेगा कि उनके प्लेटफ़ॉर्म बच्चों और किशोरों को कैसे प्रभावित करते हैं।