नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़े कार्यक्रमों के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। इसमें डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए योजना भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 85 दिनों में कुल 2,48,677 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि, कुछ अच्छे पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं और हमें सफलता मिली है। उस आधार पर, कुल 2,817 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, डिजिटल कृषि मिशन की स्थापना की जाएगी। “दूसरा निर्णय खाद्य और पोषण सुरक्षा से संबंधित है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘हम अपने किसानों और कृषि समुदाय को 2047 के लिए जलवायु-लचीले फसल विज्ञान और खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा के लिए कैसे तैयार करें – इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम के लिए 6 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जो 3,979 करोड़ रुपये की लागत से किए जाएंगे।
गौरतलब है कि केंद्र ने 13,966 रुपये की कुल सात कृषि परियोजनाओं को अपनी मंजूरी दी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये का तीसरा बड़ा निवेश आवंटित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कृषि शिक्षा का आधुनिकीकरण करना है।
वैष्णव ने कहा कि इसमें डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), बड़ा डेटा और रिमोट सेंसिंग सहित नवीनतम तकनीकों को शामिल किया जाएगा। पाठ्यक्रम में प्राकृतिक खेती की तकनीक और जलवायु लचीलापन उपाय भी शामिल होंगे।
इसके अलावा, कैबिनेट ने सतत पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपये सहित प्रमुख कृषि पहलों के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया है। इस पहल से पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, डेयरी उत्पादन, आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन और पशु पोषण में उल्लेखनीय सुधार होगा। बागवानी के सतत विकास के लिए 860 करोड़ रुपये-इस फंडिंग से विभिन्न फसलों की खेती और सब्जियों, फूलों की खेती, मशरूम, मसालों और औषधीय पौधों के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट ने प्रभावी संसाधन प्रबंधन के लिए ज्ञान और उपकरणों के साथ किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के लिए 1,202 करोड़ रुपये और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है।