- भारतीय वायु सेना का विमान 120 नागरिकों को लेकर रवाना
- अमेरिकी अफगान शरणार्थियों के लिए देगी 500 मिलियन डॉलर वित्तीय सहायता
नई दिल्ली। अफगानिस्तान संकट को लेकर एनएसए अजित डोभाल ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से बात की है। उन्होंने भारतीय अधिकारियों को काबुल से सुरक्षित भारत लाने के मुद्दे पर चर्चा की थी। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई है। सोशल मीडिया पर तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं। अमेरिकी एयरफोर्स विमान के काबुल पहुंचते ही कतर जाने वाले यात्रियों का हुजूम इसमें प्रवेश कर गया। विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय राजदूत और उनके कर्मचारी को तुरंत भारत आने का आदेश दिया है। अफगानिस्तान में फंसे 120 भारतीयों पर से संकट के बादल छट गए हैं। भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान ने काबुल हवाई अड्डे से मंगलवार को सुबह 120 भारतीय अधिकारियों को लेकर उड़ान भरी। यह सभी अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के अधिकारी हैं। इसके अलावा उनके कर्मचारी भी इनमें शामिल हैं। रविवार को भी भारत ने दो विमानों से अपने दो सौ से अधिक नागरिकों को काबुल से निकाला था। अफगानिस्तान हालातों के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीजा नियमों में बदलाव किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीय फिलहाल सुरक्षित हैं और 48 घंटे के भीतर उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहली बार अफगानिस्तान संकट पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने साफ किया कि अमेरिकी फौज का यहां से जाने का फैसला बिल्कुल सही था, अफगान सेना ने बिना लड़े ही हथियार डाल दिए। अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए व्हाइट हाउस ने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि पीड़ित शरणार्थी और प्रवासन की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से अमेरिकी आपातकालीन शरणार्थी और प्रवासन सहायता कोष से 500 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करना राष्ट्रीय हित में महत्वपूर्ण है।