Paralympics 2024: भारतीय एथलीट पेरिस पैरालंपिक 2024 में अलग-अलग खेलों में जलवा बिखेर रहे हैं। अभी तक भारत कुल 22 मेडल जीत चुका है। सातवें दिन पैरा तीरंदाजी में हरविंदर सिंह ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। इस गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी की कहानी काफी भावुक कर देने वाली है। बचपन में ही पैर खराब होने के बाद भी हरविंदर सिंह का हौंसला नहीं टूटा। भारत के इस लाल ने अब पेरिस में तिरंगा फहराया है।
गोल्ड मेडल जीतने से 20 दिन पहले मां का हुआ निधन…
बहुत कम लोग जानते है कि हरविंदर सिंह के पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से 20 दिन पहले ही उनकी मां निधन हो गया था। इस बात का जिक्र खुद हरविंदर ने मेडल जीतने के बाद किया था। उन्होंने कहा था कि मैं मानसिक रूप से काफी दबाव महसूस कर रहा था क्योंकि 20 दिन पहले ही मैंने अपनी मां को खो दिया था। मैं अपने जीवन में बहुत कुछ खो चुका हूं। ये सब मेहनत और मेरी मां का आशीर्वाद है जो मैं यहां गोल्ड मेडल जीत पाया।
डॉक्टर की गलती से खराब हुए पैर…
हरियाणा के कैथल निवासी हरविंदर सिंह ने बचपन से ही चुनौतियों का सामना किया है। जब हरविंदर डेढ साल के थे तब उन्हें डेंगू बुखार हुआ था। डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया है। उस इंजेक्शन का असर कुछ ऐसा हुआ कि उनके दोनों पैर काम नहीं करें। पैरों के काम ना करने के बाद भी हरविंदर ने अपना होंसला कम नहीं होने दिया। उन्होंने अपने आप को इसना काबिल बनाया कि आज वो एक स्टार खिलाड़ी है। उनकी हर कोई वाहवाही कर रहा है।
पिता ने खेत में कराई तीरंदाजी…
कोविड महामारी के दौरान पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था, जिसके चलते खेल मैदान भी बंद थे। जिससे हरविंदर को प्रैक्टिस करने में काफी दिक्कतें हो रही थी। इसके बाद उनके पिता ने अपने खेतों को तीरंदाजी रेंज में बदलकर हरविंदर को प्रैक्टिस कराई। हरविंदर ने हमेशा से ही कड़ी मेहनत करना जारी रखा था। अब उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।