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मसूरी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण हटाओ मिशन शुरू!

84 परिवारों पर गिरी गाज

  • शिफन कोर्ट को खाली करने में जुटा प्रशासन, लोगों के आक्रोश को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात
  • प्रशासन ने कहा, उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद की जा रही कार्रवाई, कोर्ट के आदेश का होगा पालन

मसूरी। नगर में अवैध कब्जे को लेकर प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। शिफन कोर्ट में करीब 84 परिवारों के अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। मसूरी के अब तक के इतिहास में अतिक्रमण हटाये जाने की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। 
आज सोमवार को सरकारी भूमि पर रह रहे 84 परिवारों के मकानों पर जेसीबी गरज रही है। जिला प्रशासन नगर पालिका प्रशासन और पुलिस द्वारा संयुक्त रुप से यह अभियान चलाया जा रहा है। मसूरी के स्थानीय जनप्रतिनिधि और शिफॉन कोर्ट में निवास करने वाले 84 परिवार कार्रवाई का भारी विरोध कर रहे हैं। जिसे देखते हुए यहां पुलिस बल तैनात किया गया है। मसूरी गांधी चौक और शिफॉन कोर्ट को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है। बारिश के बावजूद  अतिक्रमण की कार्रवाई जारी है। प्रशासन का साफ तौर पर कहना है कि अतिक्रमण को हर हाल में हटाया जाएगा। पूर्व में यहां पर अतिक्रमणकारियों को 15 दिनों का समय दिया जा रहा था, परंतु उनके द्वारा एग्रीमेंट को साइन करने से मना कर दिया गया था, जिसके बाद अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
एडीएम प्रशासन अरविंद पांडे ने कहा कि मसूरी में शिफन कोर्ट में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ऐसे में पहले चरण में 84 अतिक्रमण में से उन लोगों के अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं, जिनके द्वारा स्वयं अतिक्रमण हटाने का शपथ पत्र नहीं दिया गया है। जिनके द्वारा शपथ पत्र दिया गया है, उन्हें 10 सितंबर तक का समय दे दिया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद पूरी कार्रवाई अमल में लाई गई है। ऐसे में न्यायालय के आदेश का हर हाल में पालन कराया जा रहा है।
इस दौरान अतिक्रमण हटाए जाने के विरोध में आप पार्टी के कार्यकर्ता पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला और कांग्रेस प्रदेश महामंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मसूरी गांधी चौक पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि गरीब को हटाने के लिए प्रशासन द्वारा फोर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। परंतु गरीबों को समायोजित करने के लिए कोई बात नहीं कर रहा है जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि हम पुरकुल रोपवे परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन योजना गरीबों की छाती पर रखकर बनाई जाएगी तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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