- महीनों से बंद पड़ी देवाल ब्लाक के अंतर्गत पिंडर नदी पर इंजनचालित ट्रॉली शुरू होने पर आम जनता व पंचायत प्रतिनिधियों ने जताया मीडिया का आभार
थराली से हरेंद्र सिंह बिष्ट।
आखिरकार मीडिया के भारी दबाव के चलते महीनों से बंद पड़ी देवाल ब्लाक के अंतर्गत पिंडर नदी पर निर्मित इंजनचालित ट्रॉली को शुरू कर दिया गया है। जबकि अन्य ट्रॉलियों की मरम्मत की कवायद शुरू कर दी गई हैं। इस पर आम जनता व पंचायत प्रतिनिधियों ने मीडिया का आभार जताया हैं।
दरअसल 2013 में पूरे उत्तराखंड में आई भयंकर दैवीय आपदा के कारण देवाल विकास खंड के अंतर्गत पिंडर नदी पर ओडर गांव के लिए आने जाने के लिए निर्मित झूला पुल बाढ़ की भेंट चढ़ गया था। पिंडर नदी में आई बाढ़ के कारण देवाल ब्लाक के अंतर्गत ही हरमर, बोरागाड़, ओडर एवं कैल नदी पर सुपलीगाड़ नामक स्थान पर बने झूला पुलों के साथ ही थराली ब्लाक के पिंडर पर निर्मित चेपड़ो व प्राणमती नदी पर बने पुल एवं नारायणबगड़ ब्लाक के नारायणबगड़ पुल पूरी तरह से नदियों में समा गये थे। इन नदियों पर बने अन्य तमाम पुलों को भारी क्षति पहुंची थी।
इसके बाद लोनिवि थराली द्वारा हरमल, बोरागाड़, ओड़र, सुपलीगाड़, चेपड़ो एवं हरमनी में तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर इंजनचालित ट्रालियों की स्थापना की थी। आपदा के 7 वर्षों के बाद भी जहां बोरागाड़, चेपड़ो एवं नारायणबगड़ में पुनः झुला बना दिए गए वहीं हरमल, ओड़र व सुपलीगाड़ में जिंदगी ट्रॉलियों के भरोसे ही दौड़ रही हैं।
देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू, जिपंस सवाड़ वार्ड आशा धपोला, ओडर के बीडीसी मेंबर पान सिंह गड़िया आदि का कहना हैं कि इंजनचालित ट्रॉलियां पूरे साल में मात्र 4 से 5 महीने ही चलती हैं। बाकी महीनों में नदियों में ग्रामीणों द्वारा श्रमदान के जरिए बनाये गये भुत (लकड़ी का अस्थाई पुल) से जानजोखिम में डाल कर आवागमन किया जाता हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने इस बार बरसात का सीजन शुरू होने तक 15 जून तक भी ट्रॉलियों का संचालन शुरू न होने के बाद पिंडर की मीडिया द्वारा मामले को दमदार तरीके से उठाया गया। जिसके बाद ट्रॉलियों के संचालन शुरू करने की लोनिवि की कवायद तेज करने पर जन प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने मीडिया का आभार जताया हैं।
थराली के उप जिलाधिकारी किशन सिंह नेगी, निर्माण खंड लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता मूल चंद गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार की देर सांय ओड़र की इंजनचालित ट्रॉली को ठीक कर उसका संचालन शुरू कर दिया गया हैं। जबकि शेष स्थापित ट्रॉलियों को ठीक करने एवं अन्य नदी व गदेरों में नई ट्रॉली लगाने की कवामद तेज कर दी गई हैं। जल्द ही लोगों को इनका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।