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उन्नाव : युवती के मर्डर में फिर सामने आया यूपी पुलिस का घिनौना चेहरा!

  • पूर्व मंत्री के बेटे ने अपहरण कर की हत्या, आश्रम के पास दलित युवती का शव मिलने पर बवाल

उन्नाव। उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। जिले में दलित लड़की के अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में सपा सरकार में राज्य मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह के पुत्र राजौल सिंह पर आरोप लगा है। किशोरी का शव फतेह बहादुर के दिव्यानंद आश्रम के पास प्लाट में मिला था। इस पूरे मामले में यूपी पुलिस का घिनौना चेहरा भी सामने आया है और उसकी भूमिका भी गंभीर सवालों के घेरे में है। मामला बढ़ता देख एक इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर द‍िया गया है। उधर मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में गर्दन की हड्डी भी टूटी पाई गई है। इस बीच परिजन अंतिम संस्कार न करने पर अड़ गए हैं।
मृतका की मां ने जांच अधिकारी के साथ इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि पुलिस से बेटी का पता लगाने को कहने पर जवाब होता था कि तुम्हारी लड़की कहीं भाग गई है। आ जाएगी तब बयान करेंगे। सीओ, इंस्पेक्टर सभी ने यही कहा। पुलिस ने एसपी साहब से डेढ़ महीने तक हमसे मिलने नहीं दिया। कहने लगे कि तुम्हारी लड़की बालिग है, किसी के साथ भाग गई है, आ जाएगी तो बयान करेगी। मृतका की मां का आरोप है कि सीओ साहब कहते रहे कि जैसे ही पता चलेगा हम बताएंगे। कहने लगे तीन टीमें तुम्हारी लड़की को खोजने के लिए लगाई है। जबकि एक भी टीम नहीं लगाई गई थी। बराबर झूठ बोलते रहे।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस पूरे मामले पर योगी सरकार से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों के खिलाफ तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। मृतका की मां ने कहा कि भाई ने फोन पर बताया कि बिटिया मार डाली गई। वह लगातार 9 दिसंबर से पुलिस के पास चक्कर लगा रही थी लेकिन पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही। फतेह बहादुर सिंह के पुत्र राजौल सिंह ने उनकी बेटी को उठाया था और इंस्पेक्टर कहते रहे कि बिटिया तुम्हारे लिए कमाई का जरिया है। कहा कि उनसे तुम 4 लाख रुपए मांग रही हो। लड़की तुम्हारे पास है।
मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि मेरी बिटिया उनके पास होती तो वह इधर-उधर क्यों भटकती। कोना-कोना छान लिया। बोली अगर पुलिस दिव्यानंद आश्रम के पास में स्थित कोठी की छानबीन कर लेती तो आज उनकी बिटिया उनके साथ होती है।यह मामला उस समय चर्चा में आया था, जब पीड़िता की मां ने अखिलेश यादव की कार के आगे आत्महत्या का प्रयास किया था। विगत 8 दिसंबर को पीड़िता की मां ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर बेटी के अपहरण करने की जानकारी दी और उन्होंने इसका आरोप पूर्व राज्यमंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह उर्फ अरुण सिंह पर लगाया, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को न समझते हुए गुमशुदगी में दर्ज कर पल्ला झाड़ लिया।
पुलिस की निष्क्रियता को देखते हुए गायब किशोरी की मां ने लखनऊ में विगत 24 जनवरी को अखिलेश यादव की कार के सामने आत्महत्या का प्रयास किया। लखनऊ में हुए इस घटनाक्रम से उन्नाव पुलिस पर सवाल उठने लगे, जिसके बाद सक्रिय हुए पुलिस ने तत्काल राजोल सिंह को गिरफ्तार कर जांच में गति दी। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी दिनेश त्रिपाठी भी मौके पर पहुंच गए। घटना को लेकर परिजनों के साथ ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है।
एसपी दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। घटना की जांच की जा रही है। इसके साथ ही तत्कालीन चौकी प्रभारी प्रेम दीक्षित के खिलाफ जीआरपी रेलवे पुलिस को लिखा गया है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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