देहरादून। प्रदेश पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रहा है। यह खेल इसलिए भी खास है क्योंकि उत्तराखंड सरकार और ओलंपिक संघ ने इसकी थीम ”ग्रीन खेल” रखी है। ये थीम उत्तराखंड की ओर से पूरे देश और दुनिया को पर्यावरण के प्रति संदेश देगा। विजेता खिलाड़ियों को ई-वेस्ट से बने पदक दिए जाएंगे जबकि उन्हें होटल से मैदान और वापस होटल ले जाने के लिए ई-बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। आगामी 28 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा। इसमें देशभर से 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है।
बता दें उत्तराखंड का 70 फ़ीसदी भू भाग वन संपदा से घिरा हुआ है। प्राकृतिक रूप से उत्तराखंड बेहद ही महत्वपूर्ण राज्य है। यही वजह है कि उत्तराखंड में होने जा रहे नेशनल गेम्स की थीम भी पर्यावरण संरक्षण पर आधारित रखी गई है। नेशनल गेम्स की थीम्स को ग्रीन गेम के आधार पर प्लान किया जा रहा है।
उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में ज्यादा से ज्यादा ई वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा और कई अन्य पहलू है जहां पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कम कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देने वाली तमाम गतिविधियों को अमल में लाया जाएगा। नेशनल गेम्स में ई वेस्ट से बने मेडल तैयार करने की प्लानिंग की जा रही है। देश और विदेश में कई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में ई वेस्ट से मेडल बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की कोशिश की जाती है।इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी वेस्ट से मेडल तैयार किए गए थे। जिसे अब उत्तराखंड में भी दोहराया जाएगा।
इसके अलावा डिग्रेडेबल प्लेट्स ग्लास का इस्तेमाल किया जाएगा। फूड रीसाइक्लिंग बॉटल्स कलेक्शन के अलावा सोलर एनर्जी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए सभी नेशनल गेम्स वेन्यू को सोलर पैनल से आच्छादित किये जाएंगे. साथ ही खिलाड़ियों और तमाम आगंतुकों को री-यूसबल वॉटर बॉटल्स इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया किसी भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजन का पहला उद्देश्य विश्वभर को संदेश देना होता है। इस बार हम कार्बन उत्सर्जन, पर्यावरण को लेकर संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड में होने जा रहे नेशनल गेम्स से हिमालय का सुरक्षा के साथ ही पर्यावरण की संवेदनशीलता को लेकर देश दुनिया को जागरुक किया जाएगा।