देहरादून। सीएम धामी की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत की मौत अभी रहस्य ही बनी हुई है। पुलिस अभी आत्महत्या और हादसा दोनों पहलुओं को लेकर जांच कर रही है। कमांडो के शव का शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें गन शॉट इंजरी यानी गोली लगने से मौत होना पाया गया है।
बता दें कि प्रमोद रावत मूल रूप से पौड़ी के रहने वाले थे। प्रमोद 2016 से मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बतौर कमांडो तैनात थे। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के कुमाऊं दौरे से पहले उन्हें चंपावत के लिए निकलना था। इसी के चलते वो सुबह 11 बजे ही मुख्यमंत्री आवास के पास बनी बैरक परिसर में पहुंच गए थे। इसके बाद उनका शव उनके बेड पर पड़ा हुा मिला था। जबकि राइफल नीचे फर्श पर पड़ी थी।
उनकी मौत के बाद चर्चाएं हुईं कि छुट्टी ना मिलने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। जबकि ये सिर्फ अफवाहें निकाली। पुलिस जांच में सामने आया कि उनकी छुट्टी एडवांस में ही 16 जून से मंजूर हो चुकी थी। जिसके बाद एक बार फिर से उनकी मौत को लेकर सावल उठने लगे कि ये हादया थी या फिर आत्महत्या?
एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि मामले में अभी जांच की जा रही है। पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।