देहरादून। आज मंगलवार को राज्य में स्वराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में तैनात सभी अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में धामी ने कहा कि सचिवालय से लोगों को बहुत अपेक्षाएं होती हैं। पत्रावलियों पर सबके दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं। इनके निस्तारण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़ी किसी पत्रावली पर जब सकारात्मक निस्तारण होता है तो इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को मिलता है। समाज के इन अंतिम पंक्ति के लोगों को ध्यान में रखते हुए कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। जिन कार्मिकों को सचिवालय में सेवा करने का अवसर मिला है, उन पर अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से अनेक लोगों का जीवन परिवर्तन करने का अवसर भी होता है। भगवान द्वारा दिए गये इस अवसर का लाभ जनहित के कार्यों से अवश्य लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्यप्रणाली के लिए अनुभाग अधिकारियों को साल में एक बार प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए। जो अनुभाग अधिकारी कार्यों के बेहतर संपादन के लिए कोई अन्य प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उसकी भी व्यवस्था की जाए। अनुभाग अधिकारियों को संबंधित कार्यों की उन्हें बेहतर जानकारी हो, इसके लिए उन्हें कुछ दिन संबंधित विभाग के एचओडी ऑफिस में भेजा जाए, ताकि वे विभागों की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ पाएं।
उन्होंने कहा कि सचिवालय में जो भी फरियादी आते हैं, उनका सही मार्गदर्शन हो, इसके लिए हेल्प डेस्क भी बनाया जाए। सचिवालय में कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अनुभागों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सचिवालय परिसर में स्वच्छता के साथ ही शौचालयों की अच्छी व्यवस्था हो।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि किसी भी पत्रावली की शुरूआती नोटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है। फाइल में नोट लिखते समय उसमें नियम का उल्लेख जरूर किया जाए। कुछ ऐसे प्रस्ताव होते हैं, जो जनहित की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे प्रस्तावों में शुरुआती चरण से ही नोटिंग बहुत अच्छी तरह लिखी जाए। ऐसे प्रस्तावों में यदि कहीं नियमों में स्पष्ट उल्लेख न हो तो इसका सकारात्मक समाधान क्या है, वह भी नोट में लिखा जाए। पत्रावलियों के निस्तारण से अधिक ध्यान उनके निस्तारण के लिए सकारात्मक नोट लिखने पर दिया जाए। समय-समय पर अनुभाग अधिकारियों को फील्ड विजिट भी कराया जायेगा।