देहरादून। आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में चिकित्सा शिक्षा पर 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कौशल व अनुरूपण उत्कृष्टता केंद्र का लोकार्पण भी किया और कहा कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
पुष्कर ने कहा कि हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी राम जी एक महान मानवतावादी, दार्शनिक, शिक्षक एवं श्रेष्ठ योगी थे। स्वास्थ्य देखभाल और आजीविका कौशल प्रदान करके इस पहाड़ी राज्य में अवसरों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट की स्थापना की थी। उनका मत था कि मानव शरीर भगवान का मंदिर है और अपने साथी प्राणियों की निस्वार्थ सेवा करना ही प्रार्थना का सर्वोच्च रूप है। उनकी प्रेरणा से ही यह संस्थान कई वर्षों से अपनी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करता रहा है। आज हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहा है।
धामी ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से उत्तराखंड को रक्तदान में देश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। अगर हमें आगे बढ़ना है तो अपने छात्रों को सही ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण से सज्जित करना होगा। यह आज के समय की मांग भी है। कोविड महामारी ने सिखाया है कि हम सभी को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारे मेडिकल कॉलेज को नियमित शिक्षण के साथ-साथ ई-शिक्षण के लिए तैयार रहना चाहिए तथा ई-मॉड्यूल और टेलीमेडिसिन से सुसज्जित रहना चाहिए। ताकि आने वाले समय में हम हर प्रकार से चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट बनें रहें और भविष्य की समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर सकें। हमारे मेडिकल छात्र ही भविष्य के देश में उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं का निर्धारण करेंगें। रोगियों के कल्याण के लिए चिकित्सा शिक्षा से जुड़े छात्रों के कौशल और व्यवहार को परिष्कृत करने पर लगातार ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों को चिकित्सा शिक्षा, ई-लर्निंग और सिमुलेशन लैब के लिए मजबूत मॉड्यूल विकसित करने हेतु आपस में सहयोग और समन्वय से कार्य करना होगा। उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया का नाम रोशन करें। इसके लिये सरकार हरसंभव सहयोग और सहायता प्रदान करेगी।
इस अवसर पर नीति आयोग दिल्ली के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय धस्माना, प्रतिकुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान, हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक देवराड़ी, एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोफेशन एजुकेशन की अध्यक्ष डॉ. अंशु मौजूद थे।
