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बरसों से पेयजल को तरस रहा पिंडर और कैल नदी के संगम पर बसा देवाल!

  • भौगोलिक दृष्टि और प्राकृतिक सुंदरता के हिसाब से चमोली जिले के खूबसूरत कस्बों में शुमार देवाल की व्यथा

थराली से हरेंद्र बिष्ट।
चमोली जिले के खूबसूरत कस्बों में शुमार विकास खंड मुख्यालय देवाल के बाशिंदों को क्या कभी पीने का शुद्ध  एवं पर्याप्त मात्रा में पानी मिल पाएगा? कई वर्षों से यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ हैं। चातुर्मास में पहाड़ी क्षेत्रों में जगह-जगह पानी के नए-नए बरसाती स्रोत शुरू हो जाते हैं, उसी दौरान देवाल कस्बे के नागरिकों को पीने के पानी के लिए सब से अधिक भटकने पर मजबूर होना पड़ता हैं।
राज्य की प्रमुख नदियों में शुमार पिंडर एवं कैल नदी के संगम स्थल से करीब 75 से 500 मीटर की ऊंचाई पर बसे भौगोलिक दृष्टि एवं प्राकृतिक सुंदरता के हिसाब से चमोली जिले के खूबसूरत कस्बों में तेजी के साथ विकास के मार्ग पर अग्रसर देवाल कस्बे की जनसंख्या में अपेक्षा से अधिक तेजी के साथ बढ़ रही हैं। वर्तमान में इस कस्बे की जनसंख्या करीब 10  हजार से अधिक हो चुकी हैं। जहां विकास के लिहाज से धीरे-धीरे अन्य सुविधाएं का तो विकास हो रहा हैं। वहीं जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण पानी की उपलब्धता के क्षेत्र में इस कस्बे में समस्या प्रति वर्ष गहराती ही जा रही हैं। इस कस्बे में पानी की आपूर्ति के लिए छोटी-बड़ी करीब आधी दर्जन पानी की लाईनें हैं। किन्तु यहां के निवासियों के शुद्ध एवं प्रर्याप्त पीने का पानी नही मिल पा रहा हैं। गर्मियों एवं जाड़ों में तो जैसे, तैसे नागरिकों को पानी मिल ही जाता हैं। किंतु बरसात शुरू होते ही इस कस्बे के लोगों को पानी के लिए या तो दूर-दूर जा कर प्राकृतिक स्रोतों से पीने का पानी लाने पर मजबूर होना पड़ता हैं। अथवा उत्तराखंड जल संस्थान के पानी के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता हैं।

दरअसल इस कस्बे के लिए दशकों पहले देवाल के निकटवर्ती गांव हाट- कल्याणी के पास गमलीगाड़ नामक गद्देरे से देवाल कस्बे तक जल संस्थान ने करीब 8 किमी एक पेयजल योजना का निर्माण किया था। इसी योजना से देवाल कस्बें के बाजारी क्षेत्र के साथ ही आवसीय क्षेत्र के करीब 75 प्रतिशत आवादी को पीने के साथ ही अन्य जरूरी उपयोग के लिए पानी की आपूर्ति की जाती हैं। किंतु पिछले कई सालों से देवाल कस्बे के लिए महत्वपूर्ण इस योजना के स्रोत के आसपास चातुर्मास में लगातार भूस्खलन होने के कारण योजना के चैंबरों से लेकर पाईप लाईनों को क्षति पहुंचने के कारण कई-कई दिनों तक पानी की सप्लाई बंद रहना आम बात हो गई हैं।
देवाल के निवासी लंबे समय से शासन, प्रशासन एवं जल संस्थान से गमलीगाड़ स्रोत में हो रहे भूस्खलन को रोकने के ठोस उपाय किए जाने के साथ ही पूरी लाईन को ठीक करने अथवा नऐ स्रोत से कस्बे के लिए पानी की योजना निर्माण की मांग करते आ रही हैं। अब देखना यह है कि कब तक देवाल कस्बे के लोगों को स्वच्छ एवं प्रर्याप्त पीने का पानी उपलब्ध हो सकता हैं। इस साल भी चतुर्मास शुरू होते ही जहां पिछले करीब दिनों से गमलीगाड़ स्रोत से पानी की सप्लाई बंद पड़ी हुई हैं।जब कभी पानी आ भी रहा हैं वह बेहद गंदा पानी आ रहा है जो लोगों के किसी भी उपयोग नही आ पा रहा है।
इस संबंध में पूछे जाने पर जल संस्थान के कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि गत दिवस उन्होंने अवर अभियंता पंकज जितलवान को गमलीगाड़ स्रोत पर स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी। जेई ने बताया कि स्रोत के ऊपरी क्षेत्र की पहाड़ी टूटने के कारण स्रोत को काफी नुकसान हो चुका है, और पहाड़ी से लगातार पत्थर, मलवा गिरने के कारण वहां पर काम कर पाना मुश्किल हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर इच्छोली गद्देरें के एक छोटे से स्रोत से बाजार क्षेत्र के लिए पानी जोड़ने के साथ ही, पीने के पानी के सप्लाई के लिए एक टैंकर लगा दिया गया हैं। इसके अलावा देवाल कस्बे में पानी की स्थाई व्यवस्था के लिए नए स्रोत की खोज के साथ ही पिंडर नदी से पंपिंग पेयजल योजना के निर्माण के बाबत प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा। इस संबंध में देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू का कहना हैं कि ब्लाक मुख्यालय में शुद्ध एवं प्रर्याप्त पीने के पानी की व्यवस्था के लिए अंयत्र स्रोतों की खोज के साथ ही पिंडर नदी से पंपिंग पेयजल योजना के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही इस समस्या का स्थाई समाधान निकाल लिया जाएगा।

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