देहरादून। उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। कोर्ट के आदेशों से वन विभाग के मुखिया बने राजीव भरतरी को बड़ा झटका लगा है। शासन ने बिंदुवार आदेश जारी करते हुए कई विषयों पर उनके अधिकारों पर रोक लगाते हुए नीतिगत निर्णय लेने का भी निर्देश दिया है उनके अधिकारों को सीज कर दिया है। इस संदर्भ में राजीव भरतरी ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है।
वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी ने कोर्ट के जरिए हॉफ की कुर्सी तो ले ली, लेकिन शासन से उनके खिलाफ आए एक आदेश ने उनकी मुश्किलों को बेहद ज्यादा बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण मामले में चार्जशीट होने के बाद उन्हें वन मुखिया की कुर्सी को गंवाना पड़ा था। इसके बाद एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में 2 दिन पहले ही हॉफ (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) पद पाने में कामयाबी हासिल कर ली। लेकिन आज शासन ने इस मामले में एक नया आदेश जारी करते हुए राजीव भरतरी के तबादले और नीतिगत फैसला लेने से जुड़े अधिकारों को शासन के निर्णय के अधीन कर दिया।