गोपेश्वर। चमोली जनपद से लगे भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के समीप ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया है। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई है और 384 लोगों को बचा लिया गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि अब तक हिमस्खलन से बीआरओ के 10 मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 7 मजदूर घायल हुए हैं। अभी भी 8 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। घायलों को इलाज के लिए जोशीमठ में सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि 384 मजदूर सुरक्षित हैं। आपदा प्रभावित सुमना से घायलों को सेना के हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया, यहां से घायलों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेना के ब्रिगेडियर कृशानु शाह ने बताया कि सेना ने अपने दो हेलीकॉप्टर आपदा प्रभावित क्षेत्र में लगाए हैं। जोशीमठ-मलारी हाईवे पर भारी बर्फ जमा होने के कारण हेलीकॉप्टर से ही जरुरी सामग्री लाने व ले जाने की सुविधा दी गई है।
बीआरओ के जो सात मजदूर घायल हुए हैं, उनमें रायबोंडाला (30), अनुज कुमार (18), फिलिप (21), कल्याण (40), मंगलदास (33), संजय (25) और महिंद्र मुंडा (41) शामिल हैं। सभी घायलों का जोशीमठ में सेना अस्पताल में इलाज भी शुरू कर दिया गया है।
इस आपदा से संबंधित जानकारी के लिए चमोली जिला प्रशासन ने हेल्प नंबर जारी किए हैं। जिला सूचना अधिकारी रविंद्र सिंह नेगी ने बताया कि दूरभाष नंबर 9068187120, 7579004644, 7055753124, 7830839443 और टोल फ्री नंबर 01372-251437 नंबर पर हादसे की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सेना से मिली जानकारी के मुताबिक सुमना में बीआरओ के मजदूर सड़क निर्माण कार्य में जुटे हुए थे। अत्यधिक बर्फबारी होने से सीमा क्षेत्र में वायरलेस सेट भी काम नहीं कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से नीती घाटी में अत्यधिक बर्फबारी हो रही है। मलारी से आगे जोशीमठ-मलारी हाईवे भी बर्फ से ढक गया है, जिससे सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो गई है।
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