देहरादून। उत्तराखंड में लगातर बढ़ रहे सीजनल इन्फ्लुएंजा को लेकर शासन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है। इसमें इस बीमारी के बचाव और प्रभावी रोकथाम संबंधी निर्देश दिए गए हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर की ओर से जारी पत्र के मुताबिक सीजनल इंफ्लूएंजा (एच1एन1, एच3एन2 आदि) से बचाव के निर्देश दिए गए हैं।
इन्फ्लुएंजा संदिग्ध मृत्यु की समीक्षा के लिए आडिट कमेटी का गठन कर डेथ आडिट रिपोर्ट तीन कार्यदिवसों के भीतर राज्य स्तर पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कोविड-19 संक्रमण को प्रसारित होने से रोकने को समुचित प्रबंधन और सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। वहीं पर्यटन, संस्कृति, धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश की जनता के साथ-साथ प्रदेश में आने वाले पर्यटकों से अपील की है कि सीजनल इंफ्लूएंजा से बचाव के लिए वह मास्क पहनें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसलिए इंफ्लूएंजा-ए के सब वेरिएंट एच3 एन2 के बढ़ते खतरे को देखते हुए पहले से ही एहतियाती कदम उठाने जरूरी हैं।
वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अपर सचिव अमनदीप कौर ने जारी आदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि जनवरी से मार्च तक आमतौर पर सीजनल इन्फ्लुएंजा वायरस का प्रसारण होता है।
इन निर्देशों का पालन करने को कहा गया है…
- इन्फ्लुएंजा के मामलों की चिकित्सालय स्तर पर सघन निगरानी की जानी चाहिए।
- शुरुआती चरण में ही इस संक्रमण को अधिक प्रसारित होने से रोका जाना चाहिए।
- प्रत्येक रोगी की सूचना अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म पोर्टल पर अंकित की जाए।
- सीजनल इन्फ्लुएंजा के अधिकतर रोगियों में बुखार, खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं और ये स्वत: ही ठीक हो जाते हैं।
- मधुमेह, हृदय रोग, लीवर की बीमारियों समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों के संबंध में विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
- व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। हाथ धोना, खांसी या छींक आने पर मुंह व नाक को टिश्यु से ढंकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने, भीड़भाड़ वाले वातावरण में मास्क का उपयोग आवश्यक है।
- केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार रोगियों का वर्गीकरण, क्लीनिकली मैनेजमेंट प्रोटोकाल, होम केयर, सैंपल कलेक्शन के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
राजकीय मेडिकल कालेज देहरादून, हल्द्वानी व नैनीताल में इन्फ्लुएंजा के विभिन्न प्रकारों की जांच की सुविधा उपलब्ध है। - शासन ने जिला्र, बेस, संयुक्त चिकित्सालयों में इन मरीजों के उपचार को पर्याप्त बेड, वार्ड, आइसीयू, वेंटिलेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
- फिजिशियन या चिकित्सक को आइसोलेशन वार्ड का नोडल अधिकारी नियुक्त करने और उनके नाम व मोबाइल फोन नंबर की जानकारी शासन को देने को कहा गया है।
- चिकित्सालयों में आवश्यक औषधियों व सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मरीज की गंभीर हालत होने पर रेफरल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।