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जल जीवन मिशन के लिये मोदी ने थपथपाई त्रिवेंद्र की पीठ!

सीएम का कद और बड़ा होने का दिया संकेत  

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में एक कदम और आगे बढ़ी उत्तराखंड सरकार
  • कहा, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केवल एक रुपए में पानी का कनेक्शन देने का किया बड़ा काम

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीठ थपथपाते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल का लक्ष्य लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल एक रुपए में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है।
मोदी ने कहा कि उत्तराखण्ड में कोरोना काल में भी पिछले 4-5 माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है जो उत्तराखण्ड सरकार के संकल्प को दर्शाता है। जल जीवन मिशन ने गांवों में पानी की समस्या से मुक्त करने का अवसर दिया है। 2 अक्टूबर से जल जीवन मिशन के तहत अभियान चलाकर 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा।
उत्तराखंड में 6 साल में चौगुना हुई सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता : प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में 6 साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को चौगुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंद्रेश्वर नाला भी शामिल है। यहां देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डॉल्फिन से डॉल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।
गंगा किनारे जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन : इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135  नालों में से 128 टैप किए गए हैं। शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा। गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है।  गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री जी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक कि गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।  
इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड में किये गये ठोस विकास कार्यों के लिये उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड में काम कर रहा है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई। समन्वित एप्रोच पर काम किया गया। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28,854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके स्पष्ट परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। हाईब्रिड एन्यूटी प्रणाली अपनाई गई है।  
नमामि गंगे को बनाया जन अभियान : उन्होंने कहा कि गंगा प्रहरी और अनेक संगठनों के माध्यम से नमामि गंगे को जन अभियान बनाया गया है। गंगा की शुचिता के साथ ही अविरलता पर भी ध्यान दिया गया है। इसके लिए ई-फ्लो अधिसूचना जारी की गई। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा। रिसाईकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जिस तरह से खुले मन से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड में किये गये ठोस विकास कार्यों के लिये उनकी सराहना की, उससे उनके धुर विरोधियों के हौसले पस्त होते दिख रहे हैं। मोदी ने जिस तरह से त्रिवेंद्र की कार्यशैली को सराहा, उससे उन्होंने अपरोक्ष रूप से एक बड़ा संकेत दे दिया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का मुख्यमंत्री का चेहरा त्रिवेंद्र सिंह रावत ही होंगे।

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