देहरादून। राजधानी देहरादून में मदरसा जामिया तुस्सलाम अल इस्लामिया में अध्ययनरत छात्रों की पिटाई के आरोप में पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने मदरसा संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम को भी शामिल किया है।
बता दें कि बीती 8 अगस्त को देहरादून के एक मदरसे में करीब 30 बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी, जिसका वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो का उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया था और देहरादून एसएसपी अजय सिंह को जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना और आईएसबीटी पुलिस चौकी प्रभारी के नेतृत्व में संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम ने उक्त मदरसे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सामने आया है कि 400 गज में बने इस मदरसे में 250 छात्र अध्ययन करते हैं। इसमें से 60 छात्र बिहार के हैं। वहीं 55 छात्र हॉस्टल में रहते हैं।
इसके अलावा पुलिस ने मदरसे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी अपने कब्जे में ली।पुलिस ने जब सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो सामने आया कि 25 जुलाई दोपहर को करीब 2.30 बजे किसी ने एक कैमरे पर टेप चिपका दिया। इससे वहां कुछ नहीं दिख रहा था। संदेह होने पर पुलिस ने आगे की फुटेज चेक की तो 2 दिन बाद 27 जुलाई को एक कमरे में बच्चों को लाइन में खड़ा किया गया था और फिर एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें जमकर पीटा।
पुलिस ने मुताबिक सीसीटीवी कैमरे में दिख रहा था कि इस दौरान एक बच्चा कमरे में बंद था और फर्श पर लेटा हुआ था। जब इस बारे में बाल आयोग की अध्यक्ष ने मदरसा संचालक से पूछताछ की तो उसका जवाब संतोषजनक नहीं मिला. इस आधार पर पुलिस ने मदरसा संचालक रईस अहमद के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में एंटी ह्यूमन ट्रैफिक टीम को भी शामिल किया गया है। क्योंकि पुलिस को इस तरह की शिकायत भी मिली है कि बच्चे कई बच्चे बाहर से उनकी माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध भी लाए जाते हैं। फिलहाल पुलिस को मदरसे के अंदर से जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, उसके आधार पर केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।