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‘अग्निपथ’ की आग में झुलसा उत्तराखंड, युवा सड़कों पर

देहरादून। मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के ऐलान बाद सेना में भर्ती का सपना संजोए देवभूमि के नौजवान इसके विरोध में सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं। सेना में 4 साल के लिए भर्ती स्कीम अग्निपथ को लेकर बिहार से शुरू हुए बवाल की चिंगारी 10 राज्यों में फैल गई है।
आज शनिवार को भी लालकुआं में बड़ी संख्या में युवाओं ने सड़कों पर प्रदर्शन कर मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की। युवाओं का आरोप है कि पिछले कई सालों से वो लोग सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने इस स्कीम को लाकर युवाओं के सपने को चकनाचूर कर दिया है। जबकि कई ऐसे युवा हैं जिन्होंने 2020 में मेडिकल और फिजिकल की परीक्षाएं पास की हैं, लेकिन उनका केवल रिटर्न रह गया था। लेकिन मोदी सरकार ने पिछली भर्ती को भी रद्द कर दिया है जो युवाओं के साथ पूरी तरह से धोखा है।
धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में भी अग्निपथ योजना का जमकर विरोध हो रहा है। चंपावत उपचुनाव में जिन युवाओं ने सीएम को बंपर वोटों से जिताया वो ही आज मोदी सरकार के विरोध में उतर आये हैं। सेना भर्ती के लिए घोषित केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ चंपावत में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है। यहां के युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए मोदी के पोस्टर, बैनरों को फाड़ डाला। इस दौरान इन प्रदर्शनकारी युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
आज शनिवार को खटीमा में अग्निपथ के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन और जाम के बाद प्रशासन किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन पर नजर बनाए हुए है। खटीमा में धारा 144 लगा दी गई है। दो वर्ष पूर्व सेना में भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट पास कर चुके युवा जो लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के विरोध में सड़कों पर उतर आए।
पिथौरागढ़ में सेना भर्ती में अग्निपथ योजना शुरू करने से नाराज युवाओं ने जोरदार रैली निकाली। युवाओं का कहना है कि मोदी सरकार हमारे भविष्य के साथ मजाक कर रही है। युवाओं ने सेना में पूर्व की तरह भर्ती कराने की मांग की। यदि अग्निपथ को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन जारी रखा जाएगा।
हल्द्वानी में युवाओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। उन्होंने एमबीपीजी कॉलेज गेट के बाहर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर पुतला फूंका। उन्होंने लाठीचार्ज करने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार युवाओं पर अपनी मनमानी नीतियां थोप रही है। क्योंकि सरकार देश को निजीकरण की तरफ ले जाना चाहती है।

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