रामनगर। उत्तराखंड में वन क्षेत्रों में वन्यजीवों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पहाड़ी से लेकर मैदानी इलाकों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं देखने को मिली है। रामनगर वन प्रभाग के क्यारी गांव में जंगल गए बुजुर्ग लापता लापता हो गया। मौके पर कपड़े, मोबाइल मिलने के बाद जंगली जानवर के निवाला बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है। वन विभाग की टीम ने बुजुर्ग की तलाश में सर्च अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
गौर हो कि देचौरी क्षेत्र के क्यारी गांव में जंगल घास लेने गया बुजुर्ग वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। जिसके बाद वन विभाग को घटना की जानकारी दी गई। बुजुर्ग भुवन चंद्र बेलवाल कपड़े, मोबाइल मिलने के बाद जंगली जानवर के निवाला बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है। सूचना पर गांव के सभी ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मचारियों ने संयुक्त सर्च अभियान चलाया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
बता दें कि बीते दिन रामनगर वन प्रभाग के ओखलाढुंगा क्षेत्र में लकड़ी लेने गयी महिला शांति देवी को बाघ ने अपना निवाला बनाया। वहीं दूसरी घटना बीते सायं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले नेपाली बस्ती की है। जहां 38 वर्षीय प्रेम को बाघ ने अपना निवाला बनाया।
जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने रामनगर-ढेला मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन करते हुए बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग की। तीसरी घटना क्यारी गांव में बुजुर्ग के लापता होने की, लोग इसे भी वन्यजीव के हमले की आशंका से जोड़ रहे हैं। वहीं बीते दिनों की घटना से लोगों में दहशत का माहौल है।