- वंदना कटारिया ने हाॅकी में दनादना दागे तीन गोल
- हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी
देहरादून। हरिद्वार जिले के रोशनाबाद गांव की बेटी वंदना कटरिया ने ओलंपिक में इतिहास रच कर उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाॅकी मैच में वंदना ने तीन गोल दागकर भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। वंदना ओलंपिक इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। वंदना की बदौलत ही भारतीय टीम ग्रुप ए का अपना आखिरी मुकाबला जीतने में सफल रही और क्वार्टर फाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा। वंदना ने खेल के चैथे मिनट में ही पहला गोल दागकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। दक्षिण अफ्रीका ने भी पलटवार करते हुए एक गोल दागकर मैच को बराबरी पर ला दिया। पहले हाफ तक दोनों टीम 1-1 की बराबरी पर रही। दूसरे हाफ के शुरुआती सेशन में ही भारत ने एक और गोल कर 2-1 से बढ़त बना ली। इसके बाद वंदना ने दनादन दो गोल और दागे। भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से पटखनी दी। इस के साथ ही भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी दूसरी जीत हासिल की और ग्रुप में चैथे स्थान पर पहुंची। अब भारत को क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के लिए ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के मैच पर निर्भर रहना पड़ेगा। नियमों के तहत हर ग्रुप से चार टीमें क्वार्टरफाइनल में पहुंचेंगी, लेकिन फिलहाल भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले खेलकर ग्रुप ए में चैथे स्थान पर है। जबकि ग्रेट ब्रिटेन चार मैच खेलकर तीसरे और आयरलैंड इतने ही मैच खेलकर पांचवें स्थान पर है।
अब ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की टीमें ग्रुप का आखिरी मुकाबला खेलेंगी और एक दूसरे से भिड़ेंगी। इसमें अगर ब्रिटेन की टीम बाजी मारती है या मैच ड्रॉ खेलती है तो ऐसी स्थिति में भारत क्वार्टरफाइनल में पहुंचेगा। लेकिन आयरलैंड की जीत पर भारत ओलंपिक से बाहर हो जाएगा।
वंदना कटारिया का जन्म 15 अप्रैल 1992 को उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) में हुआ था। उसके पिता नाहर सिंह भेल में काम करते हैं। यह हरिद्वार जिले के रोशनाबाद गांव की है। यह पिछले कुछ वर्षों में भारत के सबसे बेहतर और अग्रिम खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 2006 में भाग लिया था।