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कायम रहेगा गहलोत का जादू या सचिन बनेंगे ‘पायलट’? जाने

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जादू कायम रहेगा या फिर सचिन पायलट का जलवा बरकार रहेगा। राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे शनिवार शाम को पार्टी आलाकमान को सौंप दिए। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

राजस्थान मंत्रिपरिषद की बैठक शनिवार शाम यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुरू हुई जिसमें सभी मंत्रियों ने अपने इस्तीफे देने की पेशकश की। खाचरियावास ने कहा कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम संबोधित एक प्रस्ताव रखा जिसके तहत गहलोत मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने इस्तीफे की पेशकश की।

राजस्थान में चुनाव भले ही 2023 में होने हैं लेकिन वहां गहलोत और पायलट गुट के बीच चल रही खींचतान जिस मुकाम तक आ पहुंची है, उसे देखते हुए गांधी परिवार ओवर एक्टिव मोड में आ गया है क्योंकि वह न तो पंजाब वाले हालात दोहराना चाहता है और न ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदल लेने से मध्य प्रदेश की तरह ही अपनी सत्ता खोना चाहता है। यही वजह है कि पार्टी के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने शुक्रवार को ही जयपुर में अपना डेरा डाल लिया। उन्होंने दोनों गुटों के मंत्रियों-विधायकों से अलग-अलग मिलकर उनका जो फीडबैक लिया। उसकी पूरी जानकारी वे यूपी के दौरे पर गईं प्रियंका गांधी को देते रहे।

 शनिवार को अशोक गहलोत ने कहा, ‘सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं।”मंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को रविवार को दोपहर दो बजे पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बुलाया गया है। उसके बाद का कार्यक्रम गहलोत और पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन तय करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को संबोधित करके इस्तीफे दिए जाते हैं उसके बाद मंत्रिमंडल पुनर्गठन की प्रक्रिया होती है।’

सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह रविवार को होने की संभावना है। इससे पहले राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने इस्तीफे दिये थे। शुक्रवार रात यहां पहुंचे माकन ने मीडिया को बताया था कि तीनों मंत्रियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने मंत्री पद छोड़ने और पार्टी संगठन के लिए काम करने की पेशकश की ।
    
प्रस्तावित मंत्रिमंडल पुनर्गठन व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर माकन व गहलोत में बैठकों का दौर शनिवार को भी जारी रहा। दोनों नेताओं ने शुक्रवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास में मंत्रणा की थी। शनिवार सुबह फिर माकन मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। वहीं दोपहर में मुख्यमंत्री गहलोत ने माकन से चर्चा की।
     
राज्‍य की अशोक गहलोत सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सचिन पायलट खेमे के विधायकों के साथ-साथ पिछले साल राजनीतिक संकट में सरकार का साथ देने वाले विधायकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती पार्टी आलाकमान पर रहेगी। इन विधायकों में बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायक व दर्जन भर निर्दलीय विधायक भी हैं।

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