यूपी चुनाव नजदीक है, वहीँ सपा में चल रहे घमासान को रोकने की कोशिशें जारीं हैं। सूत्रों की माने तो दोनों खेमों में सुलह की उम्मीद है जिसके बाद सपा की कमान सीएम अखिलेश यादव के हाथ आजायेगी। इतना ही नहीं कांग्रेस के साथ गठबंधन की भी चर्चा चल रही है।
आने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा करने के लिए सीएम अखिलेश ने गुरुवार को अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई थी। यहां मौजूद समर्थक, विधायकों और मंत्रियों की बैठक में विधायकों ने अखिलेश यादव को हलफनामा सौंपा है।
इस हलफनामे में 220 विधायकों और 60 एमएलसी ने हस्ताक्षर किये गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव की बुलाई बैठक में हलफनामा पहले से तैयार था सिर्फ एमएलए और एमएलसी को इस हलफनामे पर हस्ताक्षर करने बाकी रह गए थे।
ये हलफ़नाम अखिलेश यादव चुनाव आयोग के समाने सौंपेंगे। सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल गुट के भी कई एमएलए और एमएलसी सीएम अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में पहुंचे थे।
इसी मीटिंग में सीएम ने अपने विधायकों को भरोसा दिलाया कि यहां मौजूद किसी भी सदस्य का टिकट नहीं कटेगा। सीएम ने बताया कि उन्होंने नेताजी (मुलायम) से सिर्फ तीन महीने का समय मांगा है। कहा है कि इन तीन महीनों के बाद आप सब कुछ ले लीजिएगा। आपने मुख्यमंत्री बनाया है, जिसको चाहिए अध्यक्ष भी बना दीजिएगा। मुझे कोई ऐतराज नहीं होगा। लेकिन इस समय सिर्फ तीन महीने दे दीजिए।
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के मन बना लिए है। पार्टी में विवाद ख़त्म होते ही सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ सकतें हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी और अखिलेश यादव के बीच सहमति बन चुकी है। इस गठबंधन के बाद कांग्रेस को 100 सीटें मिल सकतीं हैं।