पानीपत। कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के मेजर आशीष धौंचक का पार्थीव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच चुका है। जहां अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ा रहा है। जिसके बाद सैन्य अधिकारी और परिवार वाले मेजर के पार्थिव शरीर को लेकर गांव बिंझौल पहुंचे हैं। जहां कुछ ही देर मेजर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। मेजर की अंतिम यात्रा को पानीपत शहर के बीच बाजार से निकाला गया ताकि शहरवासी मेजर आशीष अंतिम दर्शन कर सके। गांव के युवा मोटरसाइकिलों के जत्थे के साथ पार्थिव शरीर के आगे जुलूस के रूप में चले। इसके अलावा मुख्य गलियों में तिरंगा लगाए गए।

नए घर में पहली और आखिरी बार प्रवेश: शहीद मेजर आशीष के पार्थिव शरीर के पानीपत स्थित उनके नए मकान में ले जाया गया। बता दें कि, शहीद मेजर आशीष का नया घर पानीपत में बनकर तैयार है। अभी उनका परिवार किराए के मकान में रहता है। नए मकान के गृह प्रवेश और जन्मदिन मनाने के लिए आशीष अगले महीने छुट्टी पर आने वाले थे। मां के कहने पर पार्थिव शरीर को नए घर में लाया गया। मां ने कहा, ‘मेरे बेटे के सपनों के घर में बेटे के कदम आखिरी बार जरूर पड़ने चाहिए।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़: आशीष का जन्म 22 अक्टूबर 1987 को बिंझौल गांव में हुआ था। तीन बड़ी बहनों में सबसे छोटे आशीष ने तीनों बहनों की शादी करने के बाद जींद अर्बन एस्टेट की रहने वाली ज्योति से 2025 ममें शादी की थी। आशीष अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और ढाई साल की बेटी को छोड़ गए हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने गुरुवार शाम अनंतनाग में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक को पुष्पांजलि अर्पित की और श्रद्धांजलि दी। एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, ”शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। राष्ट्र सदैव वीरों का ऋणी रहेगा। बहादुरों के पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थानों पर भेजे जाएंगे।”