देहरादून-भीमताल के डीसीएफआर के सभागार में मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कांग्रेस पर तीखा हमले करते समय नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी कि वृद्ध (बुढ़िया) नेता प्रतिपक्ष के संपर्क में अब कौन आएगा। डूबते जहाज के संपर्क में कौन आता है? प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान की सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही कड़ी प्रतिक्रियाएं आने लग गईं। जो विपक्षियों समेत उनकी पार्टी के लोगों को भी नागवार गुजरा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के संज्ञान में आते ही उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से भगत के बयान पर दुःख जताते हुए व्यक्तिगत रूप से ट्वीटर के माध्यम से क्षमा मांगते हुए लिखा कि आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहन जी, आज मैं अति दुखी हूं। महिलाएं हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हूं जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा और पुनः क्षमा याचना करूंगा।

वहीं वायरल हुए वीडियों के सोशल मीडिया पर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश ने कहा मुझे यह जानकारी मिली है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मेरे लिए अमर्यादित और अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है। इससे मुझे बहुत दुख और कष्ट हुआ है। किसी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पूरी पार्टी का प्रतीक होता है और प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश अध्यक्ष अगर इस तरह की भाषा का प्रयोग करे तो यह उत्तराखंड नहीं पूरे देश में माताओं और बहनों का अपमान है। भारतीय संस्कृति का दावा करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह से नारी शक्ति का अपमान किया है उसे देश, पहाड़ और उत्तराखंड की नारी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसका संज्ञान लेकर भगत से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हो तो अपनी भाषा सुधारो। भाषा जिनकी अशिष्ट होगी, नारियां उनके पास जाने से परहेज करेंगी। घर और बाहर की नारियां नाराज रहेंगी। इस तरह की भद्दी भाषा बोलने की अपेक्षा भाजपा नेतृत्व से नहीं करती हूं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मेरी मांग है कि इसे गंभीरता से लें और इसके लिए भगत से माफी मांगने को कहें।