देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने का काम जारी है, लेकिन ये आग अभी सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है। क्योंकि एक तरफ जहां जंगल धधक रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की शुरुआत होने वाली है। इस बार चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है। जंगलों में लगी आग से चार धाम यात्रा पर भी संकट के बाद छाए हुए हैं। इसी बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आग की घटनाओं पर बड़ा एक्शन लिया है। सीएम धामी ने आग लगने की घटनाओं में लापरवाही बरतने पर 10 अधिकारियों व कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
इन 17 अधिकारियों पर गिरी गाज:- वनाग्नि की घटनाओं में लापरवाही बरतने पर 17 अधिकारियों पर गाज गिरी है। 10 अधिकारी और कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर आदेश जारी हुआ है। 2 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही पांच अधिकारियों को अटैच किया गया है।
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बता दें कि उत्तराखंड में अब तक वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में अभी तक 930 जगह आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी है, जबकि, 1,196 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया है। सबसे ज्यादा घटनाएं कुमाऊं के आरक्षित वन क्षेत्र से सामने आई हैं, जहां 351 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। वहीं, गढ़वाल के आरक्षित वन क्षेत्र में 188 जगहों पर आग लगने की घटना दर्ज की गई है। उधर, सिविल वन पंचायत इलाकों में की बात करें तो गढ़वाल में 177 जगह आग लगी है तो वहीं कुमाऊं में 140 जगह ऐसी हैं, जो सिविल क्षेत्र का हिस्सा है। अब तक कुमाऊं क्षेत्र में जहां 674 हेक्टेयर वन भूमि पूरी तरह से राख हो गई है। जबकि, गढ़वाल में 433 हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है। वन विभाग की मानें तो अब तक वनाग्नि में 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं वन विभाग की मानें तो अभी तक जंगल में आग लगाने के मामले में 383 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। जिसमें 315 अज्ञात और 59 ज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके अलावा 60 नामजद आरोपियों के खिलाफ वन विभाग ने केस दर्ज किया है।