नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग इंस्टिट्यूट में तीन UPSC के छात्रों की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संवतः संज्ञान लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि अब तक क्या सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं। पीठ ने कहा, “ये जगहें (कोचिंग सेंटर) ‘डेथ चैंबर (मौत का कुआं)’ बन गई हैं। कोचिंग संस्थान का तब तक ऑनलाइन संचालन किया जा सकता है, जब तक वे सुरक्षा मानदंडों और गरिमापूर्ण जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित न करें। कोचिंग सेंटर देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अभ्यर्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।”
इससे पहले 2 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी थी। हाईकोर्ट ने इस निर्णय के पीछे घटनाओं की गंभीरता और लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार की संभावित संलिप्तता को कारण बताया थी। अदालत ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को सिविल सेवा उम्मीदवारों की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में 27 जुलाई को एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली राव एकेडेमी के बेसमेंट में पानी में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में 27 जुलाई की शाम अचानक हुई बारिश के कारण लाइब्रेरी में पानी भर गया था। मृतकों दो छात्र और एक छात्रा शामिल थे। तीनों यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। मृतकों की पहचान तेलंगाना निवासी तान्या सोनी, केरल निवासी नेविन डाल्विन और यूपी निवासी श्रेया यादव के रूप में हुई।