देहरादून। फर्जी बीएएमएस डिग्री प्रकरण में दून पुलिस ने बडी कार्यवाही की है। गैंग लीडर इमलाख और उसके भाई इमरान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों के द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों से पैसे लेकर उन्हें बीएएमएस की फर्जी डिग्रियां और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के फर्जी प्रमाण पत्र बांटे गए थे। आरोपी कर्नाटक के अलग-अलग कॉलेजों के नाम से फर्जी डिग्रियां तैयार करता था। एसआईटी की टीम ने इस मामले में फर्जी डॉक्टर समेत 32 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है।
गैंग लीडर इमलाख द्वारा अपने सहयोगी इमरान के साथ मिलकर कर्नाटका के अलग-अलग कॉलेजों के नाम से फर्जी बीएएमएस डिग्री तैयार कर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड की फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर कई लोगों को उपलब्ध कराए थे। दोनों के खिलाफ मुजफ्फरनगर में धोखाधडी, हत्या का प्रयास सहित अन्य कई मुकदमे दर्ज हैं। आरोपियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्तियों को चिन्हित किया जा रहा है। जिसकी जब्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि 11 जनवरी 2023 को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया था। मामले में एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान सहित दो फर्जी डाक्टरों को गिरफ्तार किया था। इमरान और इमलाख दोनों भाई कॉलेज के संचालक हैं और कॉलेज की आड़ में बीएएमएस और अन्य कोर्स की फर्जी डिग्रियां बेच रहे थे। 3 फरवरी 2023 को एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर और इनामी इमलाख को गिरफ्तार किया था। जिसके पास से बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां और अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे। एसटीएफ की टीम ने मामले में 36 फर्जी डॉक्टरों को चिन्हित किया था।