देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में तीसरे दिन सदन के अंदर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। इस दौरान पीएमजीएसवाई के चीफ इंजीनियर पर फोन नहीं उठाने का मामला उठाया गया। चर्चा के दौरान सीईओ के पीएमजीएसवाई मुख्यालय में छापा मारने और फिर तीन दिन बाद उन्हें हटाए जाने का मामला भी उठा। वहीं, यशपाल आर्य भी चर्चा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि अफसरशाही बेलगाम हो गई है। ये सवाल प्रीतम का नहीं, पूरे सदन की गरिमा का है।
दरअसल, कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में PMGSY के मुख्य अभियंता RP सिंह को बुलाने की मांग की और कहा कि इस अधिकारी की संपत्ति की जांच कराई जाए।बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा न सिर्फ विपक्ष के विधायकों ने उठाया, बल्कि सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने भी अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सरकार के कई विधायकों ने भी इस मामले में प्रीतम सिंह का साथ दिया। प्रीतम सिंह ने PMGSY के मुख्य अभियंता RP सिंह को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि इस अधिकारी के पीछे अदृश्य ताकत है, जिसका वो जल्द पर्दाफाश करेंगे। विपक्ष के विधायकों ने RP सिंह से जुड़े कई मामले सदन में रखे। उन्होंने कहा कि विधायकों की शिकायत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है. वह इस विषय को विशेषाधिकार हनन समिति को भेज रही हैं। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को अपने कार्यालय में तलब किया है।
वहीं, विधायकों की इस शिकायत पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भी सख्त नजर आईं। उन्होंने साफ किया कि इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि वे तीसरी बार सरकार को इस बारे में निर्देशित कर रही हैं। यदि उनका निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो वो मजबूरी में LBSNA एकेडमी को एक पत्र लिखेंगी कि जिसमें कहा जाएगा कि अधिकारियों को प्रोटोकॉल सिखाया जाए।