एक साल बाद जागे असली वीसी साहब
- एमडीडीए सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर संजीवन सूंठा को किया सस्पेंड
- सूंठा ने वे सारे असीमित अधिकार खुद ले लिये थे जो वीसी के होते हैं
- किसी भी नक्शे को किसी को अधिकृत करने या हटाने का भी था अधिकार
देहरादून। एमडीडीए एक साल से ‘वीसी’ बनकर चांदी काट रहे सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर संजीवन सूंठा को वीसी रणवीर चौहान ने मंगलवार को सस्पेंड कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि सूंठा ने नक्शा पास करने वाले सॉफ्टवेयर पर वीसी तक के असीमित अधिकार खुद ले लिए थे, जिसके लिए वो अधिकृत नहीं थे और एक साल तक असली वीसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। इस पर सॉफ्टवेयर उपलब्ध करा रही कंपनी ने वीसी से शिकायत की।
शिकायत सही पाए जाने पर सूंठा को सस्पेंड कर ज्वाइंट सेक्रेट्री मीनाक्षी पटवाल के दफ्तर से अटैच कर दिया गया है। वहीं ज्वाइंट सेक्रेट्री हरी गिरी को मामले की जांच सौंपी गई है, जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे। उल्लेखनीय है कि एमडीडीए में नक्शा पास करने का सॉफ्टवेयर उपलब्ध करा रही कंपनी सीएसआईआई ने कुछ दिन पूर्व वीसी रणवीर चौहान से इस मामले की शिकायत की थी। जिसमें बताया कि सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन होने के नाते वे केवल टेक्निकल सपोर्ट देने के लिए अधिकृत हैं, लेकिन उन्होंने खुद का सुपर एडमिन का अकाउंट बनाया हुआ है। उनके पास किसी भी नक्शे को किसी को अधिकृत करने या उसे हटाने का भी अधिकार है जबकि यह अधिकार केवल वीसी के पास होते हैं। उन्होंने तमाम वे अधिकार भी लिए हुए हैं, जो नियमानुसार सिर्फ वीसी के पास होने चाहिए।
सीएसआईआई कंपनी के अनुसार नया सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद से ही सूंठा ‘सुपर’ एडमिन बने हुए थे। करीब एक साल से उनके पास नक्शे से जुड़े असीमित अधिकार थे। वो किसी भी नक्शे को अप्रूव या रिजेक्ट करने और उसे री-असाइन भी कर सकते थे, जबकि वो ऐसा करने के लिए भी अधिकृत नहीं थे। शिकायत पर वीसी ने नोटिस जारी कर सूंठा से जवाब मांगा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर मंगलवार को उनको सस्पेंड कर दिया गया।
रणवीर चौहान ने बताया कि सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर का काम केवल टेक्निकल सपोर्ट देना है। उनको किसी को फाइल असाइन करने और किसी फाइल को अप्रूव या रिजेक्ट करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच ज्वाइंट सेक्रेटरी हरी गिरी को सौंपी गई है। जांच में दोषी पाए जाने पर सूंठा के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।