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क्रिकेट जगत से आई बुरी खबर, इस खिलाड़ी का हुआ निधन, सुनील गावस्कर के थे दोस्त

मुंबई। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले मुंबई क्रिकेट के लिए एक बहुत बुरी खबर सामने आई है। मुंबई के पूर्व कप्तान मिलिंद रेगे का बुधवार, 19 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 76 साल के हुए थे। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने के बाद उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां बुधवार सुबह उनका निधन हो गया। इसके बाद क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। रेगे को 26 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन इसके बाद उन्होंने हिम्मत और जुनून से क्रिकेट के मैदान पर वापसी की। फिर वह रणजी ट्रॉफी में मुंबई के कप्तान बने।

BCCI ने भी उनके निधन पर शोक जताया

BCCI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि मुंबई के पूर्व कप्तान और सेलेक्टर मिलिंद रेगे के निधन पर बीसीसीआई शोक व्यक्त करता है। मुंबई क्रिकेट के एक स्तंभ, उन्होंने इसके विकास और विरासत में अहम भूमिका निभाई। एक कमेंटेटर के रूप में उनके योगदान और प्रतिभा को देखने के लिए उनकी गहरी नजर ने क्रिकेट जगत में तारीफ पाई।

वह मुंबई के सच्चे क्रिकेटर थे: सचिन तेंदुलकर

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि मिलिंद रेगे सर के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वह मुंबई के एक सच्चे क्रिकेटर थे जिन्होंने शहर के क्रिकेट में बहुत योगदान दिया। उन्होंने और CCI के अन्य सदस्यों ने मेरे अंदर क्षमता देखी और मुझे सीसीआई के लिए खेलने के लिए कहा जो कि मैं अब पीछे मुड़कर देखता हूं तो मेरे करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण था। हर चीज के लिए धन्यवाद, सर। उनके दोस्तों और परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना।

गावस्कर के साथ स्कूल और कॉलेज में की पढ़ाई

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के बचपन के दोस्त मिलिंद रेगे ने उनके साथ ही स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई की और दादर यूनियन स्पोर्टिंग क्लब में उनके साथ खेला। मुंबई और घरेलू क्रिकेट में सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक के रूप में रेगे ने अपने करियर के दौरान कई भूमिकाएं निभाईं और क्रिकेट सलाहकार के रूप में मुंबई क्रिकेट संघ से भी जुड़े रहे।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेले 52 मैच

मिलिंद रेगे को भले ही भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिल पाया, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपनी दमदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया। उन्होंने 1966-67 और 1977-78 के बीच 52 फर्स्ट क्लास मैच खेले और अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी गेंदबाजी से 126 विकेट लिए। उन्होंने बल्ले से भी योगदान दिया और 23.56 के औसत से 1,532 रन बनाए।

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