रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड में बृहस्पतिवार को केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुए भू-स्खलन की घटना में 17 लोगों के लापता होने और तीन लोगों के मारे जाने के बाद प्रशासन नींद से जागा है। गौरीकुंड में हाईवे किनारे बनाई गई अस्थाई 40 दुकानों को प्रशासन ने खाली करने के साथ ध्वस्त कर दिया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक कुल 150 दुकानें चिन्हित की गई हैं।
वहीं गौरीकुंड भूस्खलन के बाद लापता 17 लोगों की तलाश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं के जवान जुटे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सुबह से क्षेत्र में हल्की बारिश हो रही है। बताते चलें कि यह मानसून सीजन भी लोगों पर भारी पड़ा है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में इस मानसून सीजन की आपदाओं में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, 31 लोग घायल हुए हैं और 1,176 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बादल फटने और भूस्खलन से सबसे ज्यादा जानमाल और मकानों को नुकसान पहुंचा है।