रुड़की। हरिद्वार जिले के गाधारोना गांव में काला पीलिया यानी कि हेपेटाइटिस-सी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं पिछले 3 माह के भीतर इस गांव में काला पीलिया के 45 मरीज सामने आ चुके हैं। डॉक्टर का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों में हेपेटाइटिस सी की दवाइयां काफी महंगी दी जाती हैं जिस कारण क्षेत्र में बीमारी के लक्षण दिखने पर लोग रुड़की सिविल अस्पताल में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।
लिवर डेमेज करता है हेपेटाइटिस-सी
पिछले 3 महीने में हेपेटाइटिस सी के 470 मरीज अस्पताल पहुँचने के बाद रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल ने इस बारे में लोगों को आगाह करते हुए और जानकारी देते हुए अपील की कि लोग आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों के पास बिलकुल न जाएं। उन्होंने बताया कि रुड़की के बॉर्डर के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर समेत अन्य जगह से भी कई लोग इस वक्त उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। समय पर यदि दवाइयां न खाई जायें तो इससे लिवर खराब होने का लगातार खतरा बढ़ता जाता है। कुछ समय बाद बीमारी इस कदर फैल जाती है कि उसका इलाज किया जाना संभव नहीं रहता।
इस कारण फैलता है इन्फेक्शन
डॉक्टर संजय कंसल ने बताया कि यह इन्फेक्शन एक दूसरे का जूठा खाने के कारण नहीं फैलता बल्कि इसका इन्फेक्शन इंजेक्शन की सिरिंज आदि से हो सकता है। हेपेटाइटिस-सी या काला पीलिया फैलने का कारण ब्लड ट्रांसफ्यूजन होता है। डॉ कंसल ने बताया कि अस्पताल आने के बाद सबसे पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा उसके बाद डॉक्टर द्वारा सही तरीके से चेक करने के बाद 3 महीने का कोर्स दिया जाएगा।