नई दिल्ली। देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की मृत्यु की वजह मानवीय चूक बताई गई है। उनकी मृत्यु के मामले में जांच के लिए गठित एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में आठ दिसंबर 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना के पीछे मानवीय चूक होना बताया है। जनरल बिपिन रावत , उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई अन्य सशस्त्र बल कर्मियों की मृत्यु उस समय हो गई थी, जब उनका सैन्य हेलिकॉप्टर तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, शौर्य चक्र विजेता, इस हादसे में अकेले बच गए थे। लेकिन एक हफ्ते बाद इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
रिपोर्ट में क्या..
रक्षा संबंधी स्थायी समिति की एक रिपोर्ट हाल ही में लोकसभा में पेश की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना ‘ह्यूमन एरर (एयरक्रू)’ के कारण हुई थी। यानी रिपोर्ट में साफ-साफ है कि पायलट की गलती की वजह से यह हादसा हुआ। समिति ने 2017 से 2022 के बीच हुए कुल 34 IAF हादसों की जांच की। इनमें से 9 हादसे 2021-22 में हुए थे।
यह रिपोर्ट न केवल जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों को स्पष्ट करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय वायु सेना और अन्य रक्षा बलों को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं में सुधार करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद कर सकता है।
शुरुआती रिपोर्ट में थी ये बात…
जांच दल ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था, “घाटी में मौसम के अचानक बदलने से हेलीकॉप्टर बादलों में चला गया था। इससे पायलट को दिशा का अंदाजा नहीं रहा। इस वजह से ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन’ हुआ।” दूसरे शब्दों में पायलट को पता ही नहीं चला कि हेलीकॉप्टर जमीन से टकराने वाला है। जांच दल ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया था। सभी गवाहों से पूछताछ के बाद दुर्घटना का सबसे संभावित कारण पता लगाया गया था।