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पहली बार इंसानों में मिला ये घातक वायरस, जानिए कितना खतरनाक हो सकता है संक्रमण

नई दिल्ली। पिछले एक दशक में कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों ने दुनियाभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ाई है। कोरोनावायरस, निपाह, मंकीपॉक्स हो या हाल के दिनों में तेजी से बढ़ रहे बर्ड फ्लू के मामले वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाते रहे हैं। इसी बीच एक और अति संक्रामक और घातक माने जा रहे वायरस के फैलने की खबर है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में कैंप हिल वायरस की पहचान हुई है। पहली बार कैंप हिल वायरस इंसानों में पाया गया है।

अमेरिका में पहली बार ‘कैंप हिल वायरस’ की पहचान हुई, जो हेनिपावायरस परिवार से संबंधित हो सकता है। यह वायरस छछूंदरों से मनुष्यों में फैल सकता है, जिससे वैज्ञानिकों में चिंताएं बढ़ गई हैं। हेनिपावायरस में अत्यधिक घातक निपाह वायरस शामिल है, जिसने दक्षिण-पूर्व एशिया में घातक प्रकोप पैदा किया है। जबकि ‘कैंप हिल वायरस’ मनुष्यों में कभी दर्ज नहीं किया गया है, एक नए भौगोलिक क्षेत्र में इसकी उपस्थिति ने शोधकर्ताओं को भारी चेतावनी पर रखा है।

क्या होता है हेनिपावायरस

टीओआई की खबर के मुताबिक हेनिपावायरस उसी कुल का है जिस कुल का घातक निपाह वायरस है। यानी पैरामाइक्सोविरेडी। इस कुल के तीन अन्य वायरस हैं हेंड्रा वायरस, निपाह वायरस और CedPV वायरस. हेंड्रा और निपाह दोनों बेहद खतरनाक है और ये दिमाग की नसों और सांसों की बीमारियों को जन्म देते हैं। यह वायरस एक ही लेयर में निगेटिव सेंस आरएनए वायरस से लिपटा होता है। इस तरह के वायरस को जूनेटिक कहा जाता है जो चमगादड़ में संक्रमित होकर जानवर और फिर इंसानों में फैलाता है।

हेनिपावायरस से होने वाली बीमारियां

हेनिपावायरस का संक्रमण होने पर शरीर में घातक बीमारियां लगती है। इस कुल का सबसे खतरनाक हेंड्रा वायरस है जो पहली बार ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में मिला था। इस बीमारी में 70 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। निपाह वायरस में भी मौत की दर 40 से 75 प्रतिशत है। निपाह तो दक्षिण एशिया के मलेशिया और बांग्लादेश में फैली थी।

डब्ल्यूएचओ ने माना इसे बड़ा खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) हेनिपावायरस और इसकी अन्य प्रजातियों को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। पहले माना जाता था कि कैंप हिल वायरस केवल चमगादड़ों द्वारा फैलता है लेकिन अब इसका छछुंदर जैसे अन्य जानवरों में दिखाना और भी चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है। इससे स्पष्ट होता है कि वायरस पहले की अपेक्षा कहीं अधिक व्यापक रूप से फैल सकता है। अभी तक किसी इंसान में इसकी जानकारी नहीं मिली थी। विशेषज्ञ कहते हैं कि अमेरिका में मामला सामने आने के बाद इसके कारण होने वाले खतरों को समझना और संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रयास करना बहुत जरूरी हो गया है।

हेनिपावायरस के लक्षण

हेनिपावायरस में सामान्य लक्षण है चक्कर आना, सिर में दर्द होना, बुखार और मांसपेशियों में दर्द। लेकिन इस बीमारी से संक्रमित मरीजों की मौत तब होती है जब यह बीमारी इंसेफलाइटिस में बदल जाती है। इसमें दिमाग में कंफ्यूजन आ जाता है और मांसपेशियों में अकड़न होने लगती है जिससे दौरा पड़ने लगता और मरीज कॉमा में पहुंच जाता है।

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