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त्रिवेंद्र न होते, तो बंद हो जाती इकबालपुर चीनी मिल…

  • बंदी के कगार पर पहुंची चीनी मिल की मदद कर उसे दिया नया जीवन

हरिद्वार। साढे़ बाइस हजार किसानों को वर्तमान में लाभ पहुंचा रही हरिद्वार की इकबालपुर चीनी मिल को नया जीवन पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की बदौलत मिला है। यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम रहते हुए इकबालपुर चीनी मिल की मदद नहीं करते, तो यह कब की बंद हो जाती। दरअसल, यह चीनी मिल गंभीर आर्थिक संकट में आ गई थी। त्रिवेंद्र सरकार ने उस वक्त इस मिल को 37 करोड़ का ऋण देकर इसे उबरने में सहायता की। इस सरकारी मदद से चीनी मिल फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो पाई और आज गन्ना किसानों की फसल की बड़ी खरीददार है।

एक न्यूज चैनल से बातचीत में पूर्व सीएम व हरिद्वार सीट से भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इकबालपुर चीनी मिल से जुड़ी इस बात का जिक्र किया। उनसे गन्ना किसानों के हित में उठाए गए कदमों के बारे में पूछा गया था। रावत ने इंटरव्यूू में एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि गन्ना किसानों के भुगतान में देरी की शिकायतों को उन्होंने बहुत गंभीरता से लिया था। सीएम रहते हुए बजट में इसका प्रावधान किया गया था। इस तरह की शुरूआत का यह लाभ हुआ है कि आज गन्ना किसानों को भुगतान के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। उन्होंने किसानों के लिए उनकी सरकार के दौरान शुरू की गई ब्याज मुक्त ऋण योजना का भी जिक्र किया, जिसमें तीन से पांच लाख रूपये तक के ऋण दिए जाते हैं।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा किनारे बसे गांवों के किसानों की खेती को आपदा से जो नुकसान हुआ है, उसका दीर्घकालिक उपाय किया जाना आवश्यक है। इस क्रम में सबसे पहले वहां पर वैज्ञानिक अध्ययन कराना होगा। इसके बाद, एक योजना बनाकर यह सुनिश्चित कराना होगा कि बाढ़ का पानी खेतों में न आए। यह कार्य उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा।

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