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जम्मू-कश्मीर में अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़, 6 दिन से एनकाउंटर जारी…

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के गडोल इलाके (कोकेरनाग) के जंगलों में चल रही मुठभेड़ का सोमवार को छठा दिन है। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार यानी 18 सिंतबर को सुरक्षाबलों ने अनंतनाग से एक आतंकवादी का जला हुआ शव बरामद किया है। सेना और आतंकियों के बीच आज मुठभेड़ का छठवां दिन है। लेकिन अभी तक भारतीय जवानों के हाथ में कुछ बड़ा नहीं लगा है। जानकारी के मुताबिक, जिस शख्स का शव सेना ने बरामद किया है उसके पोशाक से लग रहा है कि वो आतंकवादी है।

गौरतलब है कि मुठभेड़ 13 सितंबर को शुरू हुई और इस दौरान भारतीय सेना के तीन जवान कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और एक सैनिक के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं मुजामिल भट भी शहीद हुए थे, जबकि एक सैनिक अभी भी लापता है।

कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार 18 सितंबर को छठे दिन एनकाउंटर जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह इस इलाके में चलने वाली अब तक की सबसे लंबी मुठभेड़ है। इससे पहले 2020 में 18 घंटे तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में यह तीसरी सबसे लंबी चलने वाली मुठभेड़ है। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चलाया गया भट्टी धार वन ऑपरेशन 9 दिन चला था। 31 दिसंबर, 2008 को शुरू हुआ ऑपरेशन 9 जनवरी, 2009 को खत्म हुआ था।

पहली सबसे लंबी मुठभेड़…

पहली सबसे लंबी मुठभेड़, 19 दिनों का ऑपरेशन 2021 में जम्मू और कश्मीर के जम्मू प्रांत के पुंछ जिले में डेरा की गली और भिम्बर गली के बीच जंगलों में हुई थी। 11 अक्टूबर 2021 को हुए इस ऑपरेशन में दो जूनियर कमिश्नर ऑफिसर (जेसीओ) समेत नौ सैन्यकर्मी शहीद हुए थे। 19 दिनों की तलाशी और कार्रवाई के बाद, सेना ने 30 अक्टूबर को ऑपरेशन बंद कर दिया।

दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़…

दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़ 31 दिसंबर, 2008 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के भट्टी धार वन ऑपरेशन में हुई और बाद में 9 जनवरी, 2009 को बंद कर दी गई। इस मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए थे, साथ ही एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित तीन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। कोकेरनाग के जंगलों में चल रहा हमला, जिसमें सेना और पुलिस के तीन शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कई वर्षों तक क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया, यह तीसरी सबसे लंबी मुठभेड़ है, सभी लंबे समय तक आतंकवाद विरोधी अभियान कश्मीर घाटी की दक्षिणी दिशा की पीर पंचाल रेंज पर चलाए गए।

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