रंग ला रहे प्रयास
- फलीभूत हो रही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही रोजगार की रफ्तार
- 1142 आवेदकों को 43 करोड़ और पीएमईजीपी योजना में 794 प्रोजेक्ट को 66 करोड़ का ऋण मंजूर
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार कहा था कि उनका काम बोलता है। उन्होंने प्रवासी भाई बहनों की पीड़ा और भविष्य देखते हुए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एमएसवाई) शुरू की थी। इस योजना को प्रवासियों और जरूरतमंद युवाओं ने हाथोंहाथ लिया और इस योजना में अब तक 1142 आवेदकों को 43 करोड़ का ऋण मंजूर किया गया है।
गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण वापस लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है। इस योजना में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में 151 काम शुरू करने के लिए खुले दिल से और कम से कम औपचारिकताओं के साथ ऋण देने की व्यवस्था की गई है। इस पर सरकार की ओर से 10 से 25 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। योजना में आवेदन करने वालों को ऋण वितरित करने में तेजी आई है। प्रदेश में 1142 आवेदनों को 43 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है। इसमें 86 प्रोजेक्ट को 2.64 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है।
बैंकों से मंजूर एमएसवाई योजना के प्रोजेक्ट
बैंक प्रोजेक्ट ऋण (करोड़ में)
एसबीआई 779 28.66
पीएनबी 228 8.98
बैंक ऑफ बड़ौदा 46 1.77
ग्रामीण बैंक 30 1.43
केनरा बैंक 23 1.33
सिंडिकेट बैंक 18 0.34
यूनियन बैंक 18 0.62
इस बाबत निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि सरकार और शासन स्तर पर नियमित रूप से एमएसवाई योजना की समीक्षा की जा रही है। योजना में अब ऋण वितरित में तेजी आ रही है। पीएमईजीपी में 66 करोड़ के 794 प्रोजेक्ट मंजूर
केंद्र की पीएमईजीपी योजना में अप्रैल माह से 13 सितंबर तक 3471 आवेदनों को बैंकों को भेजा गया है। इसमें 794 प्रोजेक्ट को 66 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है। वहीं, 457 प्रोजेक्ट को 38.54 करोड़ का ऋण वितरित किया गया हैं।