- वर्ष 1901 के बाद पहली बार मार्च में पारा 40 पार, 9 राज्यों में लू चलने की चेतावनी
नई दिल्ली। इस बार मार्च के आखिर से लेकर अप्रैल की शुरुआत में ही चिलचिलाती गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। इस साल गर्मी ने मार्च में ही तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल मार्च में तापमान ने 121 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1901 के बाद पहली बार मार्च में देश के कई शहरों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया। 1901 के बाद इस साल मार्च में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।
मौसम विभाग ने कहा है कि पारे की यह चाल जारी रहेगी। अगले कुछ दिन में देश के 9 राज्यों में लू चलने के आसार हैं। इस साल मार्च महीने में दिन का औसत तापमान 33.01 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि 1901 में औसत तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस था। इस साल मार्च में सबसे अधिक तापमान नॉर्थ-वेस्टर्न सेंट्रल इंडिया में दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली में औसत तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग ने कहा कि सूखी हवा अभी चल रही है और अगले 10 दिनों तक बारिश या नमी के भी आसार नहीं है। ऐसी स्थिति में तापमान और बढ़ सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार मार्च में इस साल औसतन 8.9 एमएम बारिश हुई है, जो कि लॉन्ग पीरियड एवरेज के 30.4 एमएम से 71% कम है। इससे पहले, मार्च 1909 में 7.2 एमएम, 1908 में 8.7 एमएम बारिश हुई थी। ऐसे में इस साल पिछले महीने 1901 के बाद से तीसरी सबसे कम बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में गुजरात, विदर्भ सहित कई इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, पूर्वी यूपी, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, झारखंड और विदर्भ क्षेत्र में लू की लहर चल सकती है। विभाग ने इस दौरान लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 4 से 8 अप्रैल के बीच तापमान 40 से 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र में अगले 48 घंटे के भीतर लू चल सकती है।
स्काईमेट के अनुसार उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर कम होने की वजह से हवा की रफ्तार में कमी आ जाती है। इसलिए तापमान में बढ़ोतरी होती है। इस साल वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर मार्च के तीसरे हफ्ते में ही समाप्त हो चुका है। इसी वजह से समय से पूर्व उत्तर और मध्य भारत में प्रचंड गर्मी का असर देखने को मिला। इसी वजह से इस साल मार्च में लगातार शुष्क और गर्म, पश्चिमी हवाएं चलीं।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने बताया कि अगले 10 दिनों तक बारिश के भी आसार नहीं है। उल्लेखनीय है कि तापमान में बढ़ोतरी की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ बर्फ विहीन हो चुके हैं। हालांकि पिछले वर्षों तक यहां इस समय तक 4 फीट बर्फ रहती थी। चारों धाम में यह हाल तब है जबकि पिछले वर्ष की अपेक्षा यहां अधिक बर्फबारी हुई है।