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रोज बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल दामों से लोगों का जीना मुहाल, 12 दिनों में दस बार बढ़ी कीमतें और…!

नई दिल्ली। रोजाना हो रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने लोगों का हाल-बेहाल कर दिया है। इससे आम जनता पर चौतरफा महंगाई की मार पड़ रही है।  आलम ये है कि 21 मार्च के बाद 12 दिनों में दस बार इनके दाम बढ़ाए गए हैं। शनिवार को भी दोनों ईंधनों में 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई। इस वृद्धि के साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 7.20 रुपये का इजाफा हो चुका है।
आज शनिवार को की गई बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 102.61 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल 93.87 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 117.57 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 101.79 रुपये प्रति लीटर है। इसके अलावा कोलकाता में पेट्रोल का दाम 112.19 रुपये प्रति लीटर (84 पैसे बढ़ा) और डीजल 97.02 रुपये प्रति लीटर (80 पैसे बढ़ा) है। वहीं चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 108.21 रुपये और डीजल की कीमत 98.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है।
बीती चार नवंबर 2021 दिवाली का तोहफा देते हुए सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। पेट्रोल पर पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद जनता को राहत मिली थी। इसके बाद पहली वृद्धि 137 दिन या करीब साढ़े चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। लेकिन बीती 22 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में तेजी का जो सिलसिला शुरू हुआ वो लगातार जारी है। शनिवार को लगातार दसवीं बार तेल के दामों में वृद्धि की गई है। वैसे इसकी पहले से आशंका जताई जा रही थी कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तेल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जो सच साबित हुई है।
गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर साफ तौर पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल रहा है। बीती सात मार्च 2022 को ब्रेंट क्रूड तेज उछाल भरता हुआ 2008 के बाद के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। हालांकि इसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली, लेकिन फिलहाल भी ये 100 डॉलर प्रति बैरल के पार बना हुआ है।
विशेषज्ञों के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी तेजी से देश की जनता को जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में पहले कहा था कि तेल कंपनियों को सामान्य विपणन मार्जिन पर वापस जाने के लिए या अपने घाटे को कम करने के लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन जंग का हवाला देते हुए कहा गया था कि भारत में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतें 15 से 22 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार उत्पाद शुल्क में कटौती से पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर कम हो सकता है, लेकिन यह करने को केंद्र सरकार या राज्य सरकारें तैयार नहीं है।

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