Saturday , May 4 2024
Breaking News
Home / चर्चा में / वैज्ञानिकों का दावा, आंतें स्वस्थ तो नहीं होगा अल्जाइमर, 4 लाख शोध के बाद दिखे ये संकेत

वैज्ञानिकों का दावा, आंतें स्वस्थ तो नहीं होगा अल्जाइमर, 4 लाख शोध के बाद दिखे ये संकेत

नई दिल्ली। दुनिया भर में ज्यादातर लोग किसी न किसी प्रकार के डिमेंशिया से पीड़ित हैं- जिनमें से एक है अल्जाइमर बीमारी है। बढ़ती उम्र के साथ-साथ होने वाली अल्जाइमर बीमारी का संबंध आंतों की सेहत से हो सकता है, जिनकी आंतों की सेहत सही नहीं होती है, उन्हें अल्जाइमर अपनी चपेट में ले सकता है और ये दावा ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने करीब 4 लाख लोगों पर की गई स्टडी के आधार पर किया है।

एडिथ कोवान विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ता इमैनुअल एडवुई ने कम्युनिकेशंस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया कि पहले भी अल्जाइमर को उदर संबंधी परेशानियों से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन इस संबंध के पीछे की वजह सामने नहीं आ रही थी। उन्होंने अल्जाइमर से पीड़ित लोगों और आंतों की परेशानियों से जूझ रहे लोगों से जुड़े अध्ययनों का विश्लेषण किया। इसके आधार पर दावा किया कि जो लोग दोनों समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके जीन में समानताएं हैं। यह खुलासा आंतों की खराब सेहत वाले लोगों को अल्जाइमर होने की आनुवांशिक वजह की पुष्टि करता है।

इमैनुअल के अनुसार आंतों की सेहत व अल्जाइमर का संबंध सामने आने के बाद हम जान सकेंगे कि किन लोगों पर अल्जाइमर का ज्यादा खतरा है। उनमें यह बीमारी होने की संभावना पहले से जांची जा सकेगी। बीमारी अगर शुरुआती चरण में है तो इसके बढ़ने की रफ्तार कम कर सकेंगे। इलाज के लिए नए रास्ते तलाशने पर भी काम हो सकेगा। समझने की शक्ति व भावनाओं का आंतों से रिश्ता शोध निरीक्षक प्रो. सिमोन लॉज ने बताया कि अल्जाइमर हमारे दिमाग की समझने की शक्ति व भावनाओं से जुड़े हिस्सों पर असर डालता है। इन दोनों का आंतों की सेहत से क्या रिश्ता है, यह हमारे सामने आ चुका है।

वहीं विशेषज्ञ आंतों की सेहत को अच्छा रखने के लिए फाइबर युक्त भोजन लेने, भरपूर मात्रा में पानी पीने, प्रोसेस हुए खाद्य पदार्थ न लेने, भोजन को ठीक से चबाकर व धीरे खाने आदि के सुझाव देते हैं। डिमेंशिया (मस्तिष्क में नुकसान से होने वाली बीमारियां) का सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला रूप अल्जाइमर है। यह याददाश्त से लेकर सोचने-समझने की शक्ति खत्म करता है, इसका पूरा इलाज फिलहाल नहीं है। अनुमान हैं कि साल 2030 तक दुनिया में 8.20 करोड़ लोग इसकी चपेट में होंगे। इस वजह से अर्थव्यवस्था पर 2 लाख करोड़ डॉलर का भार पड़ेगा।

About team HNI

Check Also

UK Board result 2024: इन्होंने मारी बाजी, जानिए कौन हैं 10वीं और 12वीं के टॉप-5 छात्र-छात्राएं…

नैनीताल। उत्तराखंड बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित हो गया है। हाईस्कूल का …

Leave a Reply