देहरादून-हरिद्वार महाकुंभ के लिए कोरोना संक्रमण की रोकथाम और केंद्र सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में हरिद्वार में होने वाले 2021 महाकुंभ की अवधि को घटाकर 1 माह करने का निर्णय लिया गया है। अब एक अप्रैल से शुरू होने वाला कुंभ सिर्फ 30 दिन का होगा। जल्द ही कुंभ मेले के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। पहले कुंभ मेले की अवधि 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक प्रस्तावित की गई थी। हरिद्वार में कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के मद्देनजर सरकार तैयारियां कर रही हैं, मगर कोरोना संकट की बजह से सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही है। हरिद्वार महाकुंभ में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। ऐेसे में सबसे बड़ी चिंता सरकार की कोरोना संक्रमण की रोकथाम की है। यही वजह है कि आमतौर पर कुंभ की जो अधिसूचना दिसंबर में होती थी, वह अभी तक नहीं हो पाई है। हालांकि, पूर्व में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कुंभ की अवधि 48 दिन रखने का निश्चय किया।
इस बीच उत्तराखण्ड सरकार के आग्रह पर केंद्र की गाइडलाइन में कोरोना संक्रमण थामने के मद्देनजर कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने और हरिद्वार महाकुंभ आगमन से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट होने पर प्रवेश पर जोर दिया गया। यही नहीं, केंद्र ने राज्य से कुंभ के दौरान हरिद्वार में एक दिन में कोरोना जांच की अधिकतम संख्या का निर्धारण भी करने को कहा। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई बैठक में उक्त सभी बिंदुओं पर गंभीरता से मंथन करने के बाद महाकुंभ की अवधि दो माह से घटाकर एक माह करने पर सहमति बनी। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि बैठक में यह तय किया गया कि एक अप्रैल से कुंभ मेला प्रारंभ होगा। कुंभ के मद्देनजर हरिद्वार में 10 सेक्टर के लिए मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जा चुकी है। अब अंतरराज्यीय परिवहन समेत अन्य बिंदुओं को लेकर एक और एसओपी जारी करने पर विचार विमर्श चल रहा है।