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उत्तराखंड : कोरोना काल में भूखों मरे गरीब तो माननीयों पर खूब हुई ‘धन वर्षा‘!

  • सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रहा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट का चैंकाने वाला खुलासा

देहरादून। कोरोना काल में देशभर में आम जनता को जहां खाने पीने के लिये भी संकट का सामना करना पड़ा, वहीं उत्तराखंड के माननीयों की कमाई आसमान छूती रही। कोरोना के साये के चलते 2020 के बाद दुनियाभर में काम धंधे चैपट हो गए, लेकिन इन हालात में भी उत्तराखंड के माननीयों की आमदनी में कई गुना इजाफा हो गया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) रिपोर्ट में कुछ ऐसे ही आंकड़े पेश किये गये है।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में ऐसे कई मंत्री और विधायक हैं जिनकी संपत्ति पिछले 5 सालों में दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ी है। इन माननीयों के पास ऐसा कोई सटीक फॉर्मूला है जो संपत्ति को 300 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। प्रदेश में ऐसे मंत्री और विधायक हैं, जिन्होंने पिछले 5 सालों में अपनी संपत्ति को 100 प्रतिशत से लेकर 300 प्रतिशत तक बढ़ाने में हैरतअंगेज कामयाबी पाई है। देशभर में चुनावों और चुनाव लड़ने वाले नेताओं के रिकॉर्ड का अध्ययन करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स संस्था (एडीआर) की रिपोर्ट में कुछ ऐसा ही खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में चैंकाने वाली बात यह है कि देश दुनिया में जब सभी धंधे और कामकाज ठप थे, उस संकट काल के दौरान भी मंत्री और विधायकों की संपत्ति दिन दोगुनी रात चैगुनी बढ़ रही थी।

रिपोर्ट के अनुसार जिनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी, उनमें केवल मंत्री ही नहीं, बल्कि विधायकों ने भी अपनी सैलरी, खेती और किराए के बिजनेस की बदौलत 5 सालों में खूब संपत्ति बटोरी। प्रदेश में 70 में से 16 मंत्री या विधायक ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है। इसमें अधिकतर विधायकों एवं मंत्रियों ने अपनी आमदनी का जरिया सैलरी और पेंशन के साथ खेती और किराए के बिजनेस को बताया है। यह जानकारी खुद मंत्रियों और विधायकों ने निर्वाचन और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दी है। दिलचस्प बात यह है कि कोरोना काल के दौरान भी इन माननीयों की संपत्ति कई गुना बढ़ी है। सरकार में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास जिनकी संपत्ति में 151 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाई गई है, उनसे जब इस मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने राजनीति में पारदर्शिता की जरूरत बताई और चुनाव के दौरान बढ़ रहे खर्चे का जिक्र करके मामले में सफाई भी दे दी।

रिपोर्ट के अनुसार कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की संपत्ति में 306 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2017 में 65,96,864 रुपए की संपत्ति दिखाने वाले मंत्री ने 2022 में 2,67,63,303 की संपत्ति दर्शाई है। भाजपा विधायक बिशन सिंह की संपत्ति में भी 234 प्रतिशत की बढ़ोतरी बताई गई। वर्ष 2017 में 78,69,547 की कुल संपत्ति को 2022 में 2,62,68,231 दिखाया गया। विधायक प्रदीप बत्रा की संपत्ति में 216 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाई गई। वर्ष 2017 में 3,81,20,898 की संपत्ति थी जो 2022 में बढ़कर 12,06,50,465 दिखाई गई। भाजपा विधायक विनोद कंडारी की संपत्ति में 205 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। साल 2017 में 52,91,245 की संपत्ति वाले विधायक की 2022 में 1,61,41,372 की संपत्ति हो गई। मंत्री गणेश जोशी की 197 प्रतिशत संपत्ति बढ़ी। भाजपा विधायक अरविंद पांडे की 196 प्रतिशत, मदन कौशिक की संपत्ति 177 प्रतिशत, मंत्री चंदन राम दास की संपत्ति में 151 प्रतिशत, विधायक मुन्ना सिंह चैहान की 148 प्रतिशत, विधायक उमेश शर्मा काऊ की 141 फीसद, दीवान सिंह बिष्ट की 140 प्रतिशत संपत्ति बढ़ गई। मंत्री सुबोध उनियाल की संपत्ति 106 प्रतिशत, राम सिंह कैड़ा की संपत्ति 117 प्रतिशत, विधायक विनोद चमोली की संपत्ति 138 प्रतिशत, बंशीधर भगत की संपत्ति 27 प्रतिशत और ऋतू खंडूड़ी की संपत्ति 115 प्रतिशत बढ़ी।
माननीय अपनी संपत्ति में जिस तरह बढ़ोतरी कर रहे हैं, उसका पूरा हिसाब उनकी तरफ से इनकम टैक्स को दिया जा रहा है, लेकिन यह सवाल अपनी जगह खड़ा है कि जनप्रतिनिधियों की संपत्ति हर बार कैसे कई गुना बढती जा रही है। माननीयों को यह ‘सीक्रेट‘ फार्मूला आम जनता को भी बताना चाहिए जिससे मंदी और महामारी के दौरान वे अपनी रोजी रोटी के लिये मोहताज न सके।

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