देहरादून। आज सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ग्लेशियर फटने की घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ के रेणी क्षेत्र से ग्लेशियर टूटने से हुई आपदा में काफी जनहानि और नुकसान के मामले सामने आ रहे हैं। तपोवन गांव के पास तपोवन विष्णु गंगा प्रोजक्ट का जो कार्य चल रहा था, इसमें काफी श्रमिक कार्य कर रहे थे। अभी तक जो आंकड़े प्राप्त हुए है, 19 शव रिकवर किये जा चुके है। लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
त्रिवेन्द्र ने कहा कि डीजीपी अशोक कुमार कल रविवार से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को भी आज सोमवार से क्षेत्र में कैम्प करने के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन की पूरी टीम कल से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिला से भी अधिकारी मौके पर भेजे गये हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे, उनका पोस्टमार्डम जल्द हो सके।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, सैना, और एनडीआरएफ की टीमें कल से राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। 35 लोगों के एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कल से ही इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। मौके पर पर्याप्त मानव संसाधन है, एनडीआरएफ की अन्य टीमे भी तैयार हैं। गौरतलब है कि बीते रविवार को मुख्यमंत्री ने मौके पर जाकर आपदाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया था।
Check Also
यमुनोत्री धाम में हार्ट अटैक से एक श्रद्धालु की मौत, मरने वालों की संख्या हुई पांच
देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। लाखों की संख्या में भक्त देवभूमि …