देहरादून। आज गुरुवार को पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से उनके रिश्तेदारों को नौकरी दिए जाने से जुड़ी नियुक्ति के वायरल पत्र पर कोई जवाब देते नहीं बना और वह बगलें झांकते नजर आये। गौरतलब है कि कई दिनों से वायरल हो रहे एक पत्र में पूर्व शिक्षा मंत्री के 8 रिश्तेदारों को नौकरी दिए जाने का दावा किया गया था। जिसके बारे में पूछे जाने पर पांडे वायरल पत्र में मौजूद नामों के उनका रिश्तेदार न होने का खंडन नहीं कर पाए।
इस वायरल पत्र पर सोशल मीडिया में उनकी खूब किरकिरी हो रही थी। इसमें अरविंद पांडे के कई रिश्तेदारों के नाम अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति दिए जाने वाली सूची में शामिल थे। आज जब पांडे भाजपा कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए तो उनसे इस सूची में मौजूद नामों की रिश्तेदारी को लेकर सवाल पूछा गया तो वह इसका खंडन नहीं कर पाये। एक तरह से इस सूची को उन्होंने सही ठहरा दिया।
इस सूची में शिक्षा विभाग में कई रिश्तेदारों को नौकरी देने के साथ ही पंचायत विभाग में भी एक रिश्तेदार के नौकरी लगने की बात कही गई थी। इस सूची में मौजूद नामों पर तो पूर्व मंत्री ने चुप्पी साध ली लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि वह किसी भी नियुक्ति को लेकर उन पर लगे आरोपों के लिए जांच को तैयार हैं। इस मामले में किसी भी तरह की जांच करवाई जाती है तो वह जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करेंगे
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