मसूरी। उत्तराखंड के मसूरी स्थित आईटीबीपी अकादमी में तैनात कराटे टीम की महिला से दुष्कर्म के दोषी आईटीबीपी के सिपाही को कोर्ट ने दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर उसे छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। अर्थदंड की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश भी दिए गए हैं। दोषी भी कराटे टीम में खिलाड़ी था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि आइटीबीपी की सेंट्रल कराटे टीम में शामिल एक महिला सिपाही ने नौ दिसंबर 2021 को मसूरी कोतवाली में दुष्कर्म की तहरीर दी थी। उसने बताया था कि वह मसूरी में तैनात आइटीबीपी जवान मोहन सिंह दानू की पहले से परिचित थी। आरोप है कि एक अन्य जवान अनिल राणा उससे जबरन दोस्ती का प्रयास कर रहा था, जिससे पीछा छुड़ाने के लिए उसने मोहन सिंह दानू से मदद मांगी। वह पांच दिसंबर 2021 को मोहन सिंह दानू से मिलने उसके मसूरी स्थित कमरे पर पहुंची। इसी दौरान वर्षा शुरू हो गई। जिस वजह से उसे मोहन सिंह दानू के कमरे पर ही रुकना पड़ा।
चाकू के बल पर दुष्कर्म
आरोप था कि मोहन सिंह दानू ने चाकू के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने सात दिसंबर 2021 को अपने विभाग में शिकायत की और नौ दिसंबर को मसूरी कोतवाली में मोहन सिंह दानू के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद 11 दिसंबर को पुलिस ने आरोपित मोहन सिंह दानू निवासी धारचूला, बलुवाकोट, जिला पिथौरागढ़ को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया था। वह तभी से जेल में है। पुलिस ने ढाई माह के भीतर 22 फरवरी 2022 को अदालत में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया था।
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मामले में सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज पंकज तोमर ने पेश गवाह व साक्ष्यों के आधार पर मोहन को दोषी ठहराया। कोर्ट ने दस वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड में से 40 हजार रुपये पीड़िता को बतौर प्रतिकर दिए जाएंगे। अदालत के निर्णय के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया।