देहरादून। उत्तराखंड में दैनिक वेतन के रूप में काम करने वाली महिलाओं के लिए अब राज्य सरकार ने प्रसूति अवकाश के रास्ते खोल दिए हैं। शासन ने इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए ऐसी महिलाओं को मैटरनिटी लीव की सुविधा दिए जाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य सरकार के अधीन विभागों में विभागीय एवं आउटसोर्सिंग के माध्यम से दैनिक वेतन पर नियोजित महिलाओं को सेवा प्रदाता संस्था द्वारा प्रसूति अवकाश की सुविधा अनुमन्य की गई है। इस संबंध में सचिव दिलीप जावलकर की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
आदेशों में कहा गया है कि प्रसूति अवकाश अवधि के वेतन का भुगतान यथाप्रक्रिया नियोक्ता के द्वारा किया जाएगा एवं प्रसूति अवकाश स्वीकृत किये जाने के संबंध में संबंधित नियोक्ता एवं सेवा प्रदाता द्वारा अधिनियम में उल्लिखित प्रावधानों का अनुपालन पूर्ण रूप से सुनिश्चित किया जाएगा।
दरअसल, राज्य में सरकारी सेवाओं में काम करने वाली महिलाओं को तो शुरू से ही यह सुविधा दी जाती रही है। उधर साल 2016 के एक शासनादेश के जरिये राज्य सरकार ने अपने नियंत्रण अधीन विभागों, संस्थानों में विभागीय और बाहर के स्रोतों के माध्यम से काम कर रहे संविदा, तदर्थ पर नियत वेतन लेने वाली महिला कर्मियों को भी मैटरनिटी लीव अनुमन्य किया था। लेकिन इसमें दैनिक वेतन लेने वाली महिलाओं को ऐसी कोई सुविधा नहीं दी जा रही थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। बता दें कि दैनिक वेतन के तहत काम करने वाली महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रहती है, ऐसे में प्रसूति अवकाश लेने के दौरान उन्हें आर्थिक रूप से भी नुकसान झेलना पड़ता था। लेकिन अब सरकार ने इन पहलुओं को समझते हुए वित्तीय रूप से मंजूरी दे दी है।