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ऋषिकेश: ‘मित्र‘ पुलिस ने गढ़ी झूठी कहानी और गंगा में समा गया भावी ‘अग्निवीर‘!

ऋषिकेश। उत्तराखंड मित्र पुलिस का एक क्रूर चेहरा सामने आया है। बीते सोमवार को तपोवन पुलिस चौकी क्षेत्र के एक होटल में काम मांगने आए एक युवक को जो अग्निवीर की परीक्षा देने आया था और उसके पास एक प्लास्टिक के कट्टे में चंद सिक्के, रुपये और अन्य सामान था। तपोवन पुलिस ने उस युवक को प्रताड़ित करते हुए कहानी गढ़ी कि वह वो सिक्के और रुपये स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के दानपात्र से चोरी कर लाया है। जबकि परमार्थ निकेतन आश्रम प्रबंधन ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।
तपोवन पुलिस की कहानी के अनुसार वह युवक कोटद्वार में अग्निवीर परीक्षा देने आया था। इसके बाद वह तपोवन पुलिस चौकी क्षेत्र के एक होटल में काम मांगने आया तो पुलिस ने उसे प्रताड़ित कर चोर घोषित कर दिया और मामला लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र के होने के कारण स्थानीय पुलिस को सूचित किया। पुलिस युवक को गिरफ्तार कर लक्ष्मणझूला थाने ले आई। युवक ने लक्ष्मणझूला पुलिस को बताया कि उसका नाम केदार सिंह भंडारी (22) पुत्र लक्ष्मण सिंह भंडारी है। युवक उत्तरकाशी के धौंतरी पोस्ट ऑफिस चुनेर गांव का निवासी है।
दिलचस्प बात यह है कि परमार्थ निकेतन आश्रम प्रबंधन ने चोरी की किसी भी घटना से इनकार कर दिया। जिससे उस निरीह युवक की बेगुनाही साबित हो गई। इस मामले में तहरीर न मिलने से खिसियाई पुलिस ने युवक को एलआईयू भवन के पास स्थित नए भवन में एक सिपाही की हिरासत में छोड़ दिया। पुलिस की कहानी के अनुसार रात को युवक लघु शंका का बहाना बनाकर बाहर निकला और लक्ष्मणझूला की ओर दौड़ लगा दी। पुलिस जब तक युवक को पकड़ पाती तब तक उसने लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी और गंगा में समा गया।
युवक के गंगा में छलांग लगाने की घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई। पुलिस ने किरकिरी के डर के चलते पहले दिन ऐसी किसी घटना से साफ इंकार कर दिया, लेकिन मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो हिरासत से फरार उत्तरकाशी के युवक के गंगा में छलांग लगाने के मामले में पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने आखिरकार अपने हथियार डाल दिए। मामले में थाना पुलिस की लापरवाही कि बात सामने आने के बाद एसएसपी पौड़ी ने घटना की जांच के लिए एएसपी शेखर सुयाल की अगुवाई में जांच टीम गठित कर दी है। वहीं एसडीआरएफ की टीम गंगा में डूबे युवक की तलाश कर रही है। प्रारंभिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि युवक पुलिस हिरासत से फरार हुआ था।
एसपी पौड़ी शेखर सुयाल और सीओ श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल बीते दो दिनों से ऋषिकेश में डेरा जमाए हुए हैं। दोनों अधिकारी मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं। बीते बुधवार को केदार सिंह भंडारी के परिजन और ग्राम प्रधान सहित कई लोग लक्ष्मणझूला थाना पहुंचे। युवक के परिजनों और अन्य लोगों ने उसकी गिरफ्तारी और पुलिस की हिरासत से भागने पर विरोध प्रदर्शन किया। लक्ष्मणझूला थाना प्रभारी संतोष सिंह कुंवर ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम भीमगोड़ा से लेकर बैराज तक तलाशी अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं मामले की जांच कर रहे हैं। एसएसपी यशवंत सिंह चैहान ने बताया कि युवक को मुनिकीरेती थाना पुलिस ने लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में परमार्थ निकेतन आश्रम में चोरी करने का आरोपी बताते हुए सौंपा था। हालांकि मामले में आश्रम की ओर से थाना पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली। युवक को केवल निगरानी में रखा गया था, लेकिन वह भाग गया। एएसपी पौड़ी को मामले की जांच सौंपी गई है। सवाल यह है कि आखिर ये ‘मित्र‘ पुलिस की करतूत किसी निर्दोष गरीब युवक की जिंदगी पर भारी पड़ गई और अब जांच के नाम पर हमेशा की तरह केवल लीपापोती की जा रही है। 

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