- तीन सरकारी नौकरी छोड़कर चैथी ज्वाइन की
- मेहनत और लगन से हासिल किया मुकाम
देहरादून। शाबाश! रीना आपको सैल्यूट। जहां एक ओर पूरे देश और राज्य में बेरोजगारी से युवाओं का बुरा हाल है। लेकिन उत्तराखंड की एक बेटी ऐसी भी है, जिसने तीन सरकारी नौकरी छोड़कर चैथी नौकरी ज्वाइन कर ली है। उन्होंने यह कठिन मुकाम मेहनत और लगन से ही हासिल हो सकता है। टिहरी गढ़वाल के मुनिकीरेती क्षेत्र निवासी किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली रीना राठौर पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी बन गई है। उनकी पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई। हर क्लास में उन्होंने टॉप किया। बाद में वो हायर एजुकेशन के लिए ऋषिकेश आईं और यहां से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। कॉलेज में अच्छे मार्क्स मिलने पर उन्हें तत्कालीन सीएम रहे भुवनचंद्र खंडूड़ी ने स्कॉलरशिप के तौर पर 55 हजार रुपये दिए। रीना आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली चली गईं। रीना का चयन खंड विकास अधिकारी के पद पर हुआ, लेकिन उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से परीक्षा देने के बाद वो उप शिक्षा अधिकारी बनीं। कुछ साल तक उन्होंने इस पद पर सेवाएं भी दीं, लेकिन कानून व्यवस्था से जुड़कर समाज सेवा करना चाहती थी। उनका चयन सीआरपीएफ में असिस्टेंड कमांडेंट के पद पर भी हुआ था, लेकिन रीना ने पुलिस सेवा ज्वाइन करने के लिए ये जॉब भी छोड़ दी। अब उनका चयन उत्तराखंड पुलिस में बतौर डिप्टी एसपी हुआ है। गुरुवार को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेंद्रनगर में हुई पासिंग आउट परेड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रीना राठौर को सर्वोत्तम प्रदर्शन करने पर स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। रीना बताती हैं कि वो डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन डॉक्टरी की पढ़ाई में खर्चा ज्यादा था। इसलिए उन्होंने आईएएस परीक्षा की तैयारी की।