- विस अध्यक्ष ने कहा, 2012 के लेकर अभी तक विधानसभा में हुई नियुक्तियां की जांच के बाद राज्य बनने के बाद से सभी भर्तियों की होगी जांच
देहरादून। विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने आज शनिवार को दो बड़े फैसले लिए हैं। एक फैसले में विधानसभा भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए ऋतु खंड़ूड़ी ने एक्सपर्ट कमेटी गठित की है। यह कमेटी एक माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट स्पीकर के समक्ष पेश करेगी। इसके बाद इन नियुक्तियों पर फैसला किया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि साल 2012 से अब तक विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच होगी और इसके बाद राज्य गठन के बाद से होने वाली भर्तियों की जांच होगी। विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे मामले में सचिव सचिवालय मुकेश सिंघल को अग्रिम आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया है। इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
ऋतु ने कहा कि बैक डोर भर्ती की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठन का फैसला लिया है और यह कमेटी एक महीने में जांच रिपोर्ट देगी। सचिवायल सचिव को एक महीने के अवकाश पर भेजने के निर्देश दे दिये गये हैं। युवाओं को ऋतु खंडूड़ी ने नियुक्ति को लेकर निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। नियुक्तियों को लेकर पहले 2012 से अब तक की जांच होगी और इसके बाद राज्य स्थापना के बाद वाली दूसरी नियुक्तियों की भी जांच होगी!
गौरतलब है कि विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है। विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई।
बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए। रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई। इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मामले की जांच करवाने की मांग की है।