- प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोर्स (एआईएफ) के अंतर्गत एक लाख करोड़ की वित्तीय सहायता की योजना का किया शुभारंभ
देहरादून। ‘कृषि और सहकारिता के क्षेत्र में आज रविवार का दिन ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि अवसंरचना कोर्स (एआईएफ) के अंतर्गत एक लाख करोड़ की वित्तीय सहायता की योजना का आज रविवार को शुभारंभ किया गया। उत्तराखंड में 102 पैक्स समितियों के लिए धन मंजूर हुआ है।’ यह बात नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कही। कार्यक्रम के दौरान मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड सुनील चावला ने मंत्री के हाथों उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से 102 प्राथमिक सहकारी समितियों को बहु सेवा केंद्रों (PACS as MSC) योजना के रूप में विकसित करने हेतु सैद्धांतिक मंजूरी पत्र सौंपा।
इस योजना के अंतर्गत राज्य के 102 बहुउद्देशीय समितियों को एग्रो प्रोसेसिंग केंद्र भंडारण एवं विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नाबार्ड से राज्य सहकारी बैंक को 3% ब्याज दर पर पुनर उपलब्ध कराएगा वह रेंट जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से सहकारी समितियों को 4% की दर पर उपलब्ध होगा । कृषि अवसंरचना कोष के अंतर्गत इन समितियों के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के उपरांत 3% का ब्याज अनुदान भी उपलब्ध होगा।
इस प्रकार समितियों को वह ऋण केवल 1% की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध रहेगा। जिससे इस प्रदेश में कृषि अवसंरचना को बढ़ावा मिलेगा एवं किसानों को उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा। जिससे किसानों की आय में भी समर्थन होगा। साथ ही सहकारी समितियों के व्यवसाय में विविधीकरण होगा एवं आय बढ़ेगी। मोदी सरकार चाहती है कि सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय बनाया जाए। हालांकि उत्तराखंड में सहकारिता मंत्री के निर्देश पर 2017 में ही बहुद्देशीय समितियां बन गई थी। यह भारत का पहला राज्य है जहां बहुउद्देशीय समितियां काम कर रही है। पिछले माह इन 670 बहुउद्देशीय समितियां का कंप्यूटरीकृत करने की योजना का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुभारंभ किया था। इन दिनों आईटीआई बंगलुरू कंपनी उत्तराखंड की बहुद्देशीय समितियों का कंप्यूटरीकरण का कार्य कर रही है। इसमें उत्तराखंड सहकारिता विभाग के अधिकारी व राज्य सहकारी बैंक के अधिकारी सहयोग कर रहे हैं। देश में तेलंगाना के बाद उत्तराखंड राज्य कंप्यूटर के मामले में दूसरा राज्य हो जाएगा, जिनकी समितियां साल भर में कंप्यूटर से जुड़ जायेंगी।
इस मौके पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा लॉन्चिंग इस योजना से किसानों के आत्मनिर्भर बनने के द्वार खुल गए हैं। किसानों के लिए यह ऐतिहासिक कदम है। इस पैकेज से निश्चित रूप से किसानों, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को फायदा होगा। मंत्री ने कहा कि नाबार्ड को समितियों से जैसे डीपीआर मिलेगी, वैसे नाबार्ड पैसा जारी कर देगा। उत्तराखंड में 102 समितियों को लिया गया है। यह प्रथम चरण है। द्वितीय चरण में और समितियां भी जुड़ेंगी। पूरे देश में 2200 समितियों की लॉन्चिंग की गई जिसमें उत्तराखंड में 102 समितियां है। कुल 670 बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति (पैक्स) हैं। इस दौरान राज्य के सहकारिता विभाग के निबंधक बीएम मिश्र, नाबार्ड के महाप्रबंधक भास्कर पंत, उप महाप्रबंधक एसएल बिड़ला, राज्य सहकारी बैंक के महाप्रबंधक एनपीएस ढाका सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।